Nawada (Rural Doctors Demand): ग्रामीण चिकित्सकों की सरकार से मानदेय की मांग, क्या सरकार सुन रही है?

नवादा जिले के प्रशिक्षित ग्रामीण चिकित्सकों ने सरकार से मानदेय की मांग की। जानें, क्या सरकार इन मांगों पर ध्यान देगी?

Jan 14, 2025 - 16:37
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Nawada (Rural Doctors Demand): ग्रामीण चिकित्सकों की सरकार से मानदेय की मांग, क्या सरकार सुन रही है?
Nawada (Rural Doctors Demand): ग्रामीण चिकित्सकों की सरकार से मानदेय की मांग, क्या सरकार सुन रही है?

नवादा जिले के सिरदला प्रखंड में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जिले भर के प्रशिक्षित ग्रामीण चिकित्सकों ने एकजुट होकर सरकार से अपने अधिकारों की मांग की। यह बैठक बीपीएम विधालय हॉल में हुई, जिसमें प्रशिक्षित ग्रामीण चिकित्सकों ने एकजुट होकर अपने पांच सूत्री मांगपत्र को लेकर सरकार के सामने अपनी आवाज उठाई। इस बैठक की अध्यक्षता डॉक्टर कृष्णा प्रसाद यादव (केपी यादव) और मंच संचालन डॉक्टर बिके शर्मा (बिनोद शर्मा) ने किया।

क्या हैं चिकित्सकों की प्रमुख मांगें?

ग्रामीण चिकित्सक एसोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंशु तिवारी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उनकी सबसे बड़ी मांग यह है कि क्लिनिकल स्टेबिमेंट एक्ट के तहत प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर कोई पाबंदी न लगे। इसके अलावा उन्होंने सरकार से कई महत्वपूर्ण बातें की।

उनकी प्रमुख पांच मांगें हैं:

  1. क्लिनिकल स्टेबिमेंट एक्ट को प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर लागू न किया जाए।
  2. प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सरकारी सेवा में काम करने का अवसर दिया जाए।
  3. पुलिस और अन्य सरकारी सेवाओं में ग्रामीण चिकित्सकों को सहयोग मिले।
  4. भारत सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना में ग्रामीण चिकित्सकों को शामिल किया जाए, जिसमें प्रत्येक चिकित्सक को 5 लाख का बीमा मिल सके।
  5. हाईवे पर ट्रॉमा सेंटर और प्राथमिक उपचार केंद्रों पर प्रशिक्षित ग्रामीण चिकित्सकों को सेवा देने का अवसर दिया जाए।

किस तरह से सरकार से उम्मीदें हैं बढ़ी?

इतिहास पर नजर डालें तो, ग्रामीण चिकित्सकों की यह स्थिति कोई नई नहीं है। कई बार इन चिकित्सकों ने सरकार से मानदेय और अधिकारों की मांग की है, लेकिन समय-समय पर यह मुद्दे अनदेखे रह जाते हैं। अब 2025 में चुनावी वर्ष को ध्यान में रखते हुए, इन चिकित्सकों ने खुलकर अपने मुद्दे सरकार के सामने रखे हैं। यदि सरकार इन मांगों को नजरअंदाज करती है, तो यह चिकित्सक विरोध का एक बड़ा मोर्चा खोलने की चेतावनी दे रहे हैं।

आखिर क्या चाहते हैं ग्रामीण चिकित्सक?

इन चिकित्सकों का कहना है कि वे अपनी जान को जोखिम में डालकर गांव-गांव जाकर लोगों का इलाज करते हैं, लेकिन सरकार उनकी मेहनत को उचित मान्यता नहीं दे रही। ग्रामीण क्षेत्रों में इनका योगदान न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में, बल्कि समाज के अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि अगर सरकार उन्हें उचित मानदेय और सुविधाएं देती है, तो वे और बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं।

क्या सरकार करेगी इनकी मांगों का समाधान?

बैठक में नवादा जिले के सिरदला, नरहट, मेस्कोर, हिसुआ, रोह, रजौली, गोबिंदपुर, काशिचक, नारदीगंज, नवादा, पकरी बरावं, वारसलीगंज, अकबरपुर जैसे प्रमुख प्रखंडों के तीन हजार से अधिक ग्रामीण चिकित्सक मौजूद थे। सभी ने इस मांग को समर्थन दिया। वे एकजुट होकर कहते हैं कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे अबकी बार सख्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं।

क्या हो सकती है आगामी कार्रवाई?

इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए डॉक्टरों ने कहा कि यदि सरकार इस मामले पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तो आगामी दिनों में बड़ा विरोध हो सकता है। चुनावी वर्ष में यह मुद्दा और भी अधिक गर्मा सकता है, जिससे सरकार के लिए इसे अनदेखा करना मुश्किल हो सकता है।

क्या समाधान मिलेगा इस मुद्दे का?

इन चिकित्सकों की मांगें अगर पूरी होती हैं तो यह ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा को और भी सशक्त बनाएगा। ग्रामीण चिकित्सकों का कहना है कि उन्हें अगर सरकारी स्तर पर सही सहयोग मिलेगा तो वे हर गांव में बेहतर चिकित्सा सेवाएं मुहैया करा सकते हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।