आज जमशेदपुर के घोड़ाबांधा स्थित पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने युवा लेखक सौम्य रंजन दास की किताब 'यूथ अल्फील्टर्ड स्टोरीज एंड स्ट्रगल' का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने किताब के लेखक सौम्य रंजन दास को बधाई दी और राज्यवासियों को मकर संक्रांति, टुसू पर्व, सोहराय और माघ बिहू की शुभकामनाएं भी प्रेषित की।
किताब का संदेश और उद्देश्य
इस किताब का मुख्य उद्देश्य आज के युवा वर्ग को उनकी चुनौतियों और संघर्षों के प्रति जागरूक करना है। 'यूथ अल्फील्टर्ड स्टोरीज एंड स्ट्रगल' में लेखक ने उन कठिनाइयों और मानसिक तनावों को उजागर किया है, जो आज के समय में युवा पीढ़ी सामना करती है। इस किताब में न केवल युवाओं के संघर्षों का विवरण है, बल्कि यह भी बताया गया है कि अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ किस तरह से संवाद करना चाहिए, ताकि वे उन्हें सही मार्गदर्शन दे सकें।
लेखक ने इस किताब में जीवन के जटिल पहलुओं को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। किताब में दिए गए सुझाव और विचार, युवाओं को अपने जीवन में सही दिशा दिखाने का प्रयास करते हैं। यह किताब हर उम्र के पाठकों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकती है, खासकर उन युवाओं के लिए जो आज के तेज़-रफ्तार समाज में अपने आत्मविश्वास और लक्ष्य को खोने की कगार पर हैं।
अर्जुन मुंडा का योगदान और बधाई
इस अवसर पर अर्जुन मुंडा ने किताब के विमोचन के बाद लेखक सौम्य रंजन दास को बधाई देते हुए कहा कि आज के समय में युवाओं को मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाने के लिए इस प्रकार की किताबें बेहद आवश्यक हैं। उनका मानना था कि यह किताब युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनेगी और उन्हें अपने संघर्षों को सही दिशा में मोड़ने का मार्गदर्शन मिलेगा।
उन्होंने इस अवसर पर मकर संक्रांति, टुसू पर्व, सोहराय और माघ बिहू की भी शुभकामनाएं दी और राज्यवासियों से अपील की कि वे इन त्योहारों को प्रेम और भाईचारे के साथ मनाएं।
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
इस किताब के विमोचन के दौरान भाजपा नेत्री मीरा मुंडा, मानस मिश्रा, अश्विन शर्मा, मनोज कुमार, बिंदु प्रसाद, संजय कुमार दास, अनिकेत सिंह, सस्मिता देवी और अर्पिता जी सहित कई महत्वपूर्ण शख्सियतें उपस्थित रहीं। उन्होंने भी लेखक की इस कड़ी मेहनत को सराहा और कहा कि ऐसे साहित्यिक कार्य समाज को नई दिशा देने में सहायक होते हैं।
किताब के विमोचन के दौरान जमशेदपुर के स्थानीय समुदाय ने भी बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लिया, और यह कार्यक्रम युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा साबित हुआ।
किताब के लेखन की प्रेरणा और लेखक का दृष्टिकोण
सौम्य रंजन दास, जो पहले भी युवा समाज के मुद्दों पर लिख चुके हैं, इस बार उन्होंने अपनी लेखनी को और गहरी सोच और विश्लेषण के साथ प्रस्तुत किया। किताब के विमोचन पर सौम्य ने कहा, "मैंने इस किताब को अपने अनुभवों और युवाओं के संघर्षों से प्रेरित होकर लिखा है। यह किताब केवल एक कहानी नहीं, बल्कि उन संघर्षों की गहरी समझ है, जिनसे युवा आज गुजर रहे हैं।"
यह किताब न केवल युवाओं के संघर्षों और समाज में उनकी भूमिका को उजागर करती है, बल्कि यह अभिभावकों और शिक्षकों को भी एक नया दृष्टिकोण देती है, ताकि वे युवाओं को बेहतर मार्गदर्शन और समर्थन दे सकें। अगर आप भी अपने जीवन में संघर्षों और चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तो 'यूथ अल्फील्टर्ड स्टोरीज एंड स्ट्रगल' को पढ़ना आपके लिए एक बदलाव ला सकता है।