Nawada double line trial: ट्रायल से पुल क्षमता का हुआ परीक्षण, अगले साल शुरू हो सकती है डबल लाइन पर ट्रेन सेवा
नवादा जिले में रेलवे दोहरीकरण कार्य के अंतिम चरण में खुरी नदी पर बने पुल की क्षमता का सफल परीक्षण किया गया। जानें क्या नया साल डबल लाइन पर ट्रेन सेवा के लिए लाएगा।
Nawada double line trial: ट्रायल से पुल क्षमता का हुआ परीक्षण, अगले साल शुरू हो सकती है डबल लाइन पर ट्रेन सेवा
नवादा जिले में रेलवे दोहरीकरण कार्य में तेजी लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। गया-किउल रेलखंड के दोहरीकरण की शुरुआत रेलवे ने 2016 में की थी, और इसका लक्ष्य था कि मार्च 2021 तक यह कार्य पूरा हो जाए। हालांकि, कई चुनौतियों के कारण यह काम अब भी अधूरा है। लेकिन अब उम्मीदें फिर से जगी हैं, क्योंकि इस परियोजना के अंतिम चरण में कई महत्वपूर्ण परीक्षण सफलतापूर्वक किए गए हैं, जो नए साल में डबल लाइन पर ट्रेन संचालन की संभावना को बल देते हैं।
ट्रायल में सफलता: खुरी नदी पर बने पुल की क्षमता का परीक्षण
सोमवार को नवादा स्टेशन से तिलैया स्टेशन तक के रेल खंड पर पहली बार ट्रायल रन किया गया। इस ट्रायल में गिट्टी लदी ब्लास्ट ट्रेन का उपयोग करते हुए खुरी नदी पर बने पुल की क्षमता का परीक्षण किया गया, और यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा। यह ट्रायल इस परियोजना के अंतिम चरण की ओर एक अहम कदम साबित हो सकता है। इस पुल पर पहले कुछ समय तक काम में देरी आई थी, लेकिन अब इस पर निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
परियोजना की स्थिति और योजनाएं
गया-किउल रेलखंड के दोहरीकरण कार्य की शुरुआत तो 2016 में हुई थी, लेकिन इसकी प्रगति कई बार रुकने के कारण अब तक यह पूरा नहीं हो पाया है। 2020-21 के बजट में 280 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन अब भी कई हिस्से अधूरे हैं। हालांकि, इस परियोजना के अंतिम चरण में नवादा स्टेशन से तिलैया स्टेशन तक का कार्य बाकी है, जिसे पूरा करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान, खुरी नदी के पुल के निर्माण में उत्पन्न समस्याओं के बावजूद, अब यह पुल पूरी तरह से तैयार हो चुका है और ट्रायल में सफल साबित हुआ है।
दोहरीकरण के अन्य चरण
गया-किउल रेलखंड के दोहरीकरण का पहला चरण मानपुर से वजीरगंज तक लगभग 36 किलोमीटर 2019 में पूरा हुआ था। इसके बाद दूसरे चरण में वजीरगंज से तिलैया तक 18 किलोमीटर का कार्य भी इस वर्ष अगस्त तक समाप्त हो चुका है। इसके अलावा, शेखपुरा से लखीसराय तक 27 किलोमीटर और शेखपुरा से काशीचक तक 15 किलोमीटर का कार्य भी समाप्त हो चुका है। काशीचक से वारिसलीगंज के बीच 10 किलोमीटर का मार्ग भी अब डबल लाइन से सुविधा जनक हो गया है। वारिसलीगंज से नवादा तक के मार्ग का कार्य इस साल जुलाई में पूरा हुआ था।
विद्युतीकरण का महत्व
गया-किउल रेलखंड को डबल करने के साथ-साथ इस मार्ग का विद्युतीकरण भी किया गया था, जो 2018 में पूरा हो चुका है। इसके बाद इस रेल खंड के सफर में कई सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं, जिससे यात्री सफर में आरामदायक अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। हालांकि, इस पूरी परियोजना का लाभ यात्रियों को 2024 में भी मिलना मुश्किल नजर आता है, क्योंकि अंतिम चरण में तिलैया से नवादा के बीच 15 किलोमीटर का कार्य अभी बाकी है।
क्या आने वाले समय में होगा डबल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन?
इस परियोजना के अंतिम चरण में अब 20 प्रतिशत काम शेष है, और यह कार्य पूरी तरह से जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। अगर सब कुछ सही तरीके से चलता रहा, तो डबल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन जल्द ही शुरू हो सकता है, जिससे यात्रियों को और अधिक सुविधाएं मिल सकेंगी। हालांकि, सीआरएस (कमिशन ऑफ रेलवे सेफ्टी) की तारीख अभी तक तय नहीं की गई है, लेकिन आशा जताई जा रही है कि आने वाले समय में यह प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी।
रेलवे अधिकारी तारकेश्वर चौधरी के अनुसार, निर्माण कार्य में अब कोई रुकावट नहीं है और नवादा से तिलैया तक का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। इस महत्वपूर्ण परियोजना के पूरा होने के बाद नवादा से तिलैया तक का सफर और भी सुविधाजनक हो जाएगा।