Nawada Jobs : नवादा में दिव्यांगजनों के लिए रोजगार और मार्गदर्शन शिविर का सफल आयोजन
नवादा में दिव्यांगजनों के लिए रोजगार और मार्गदर्शन शिविर का आयोजन, 32 को पहले चरण में चयनित किया गया। जानिए कैसे यह शिविर दिव्यांगजनों को सशक्त बना रहा है।
नवादा: नवादा जिले में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनके लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एकदिवसीय नियोजन-सह-मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का शुभारंभ संयुक्त श्रम भवन परिसर में किया गया, जिसमें प्रमुख सरकारी और निजी संस्थानों ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम सामाजिक कल्याण और दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
शिविर की शुरुआत और उद्देश्य
शिविर का उद्घाटन सरकारी आईटीआई के प्राचार्य, श्रम अधीक्षक, जिला महाप्रबंधक (जिला उद्योग केंद्र), और जिला नियोजन पदाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन के दौरान अधिकारियों ने बताया कि जिला नियोजनालय प्रत्येक सप्ताह रोजगार मेले का आयोजन करता है, और इस बार विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए यह शिविर आयोजित किया गया।
इस शिविर का उद्देश्य था कि दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा में शामिल हों और रोजगार के साथ-साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
प्रमुख नियोक्ता और विभाग
शिविर में 11 काउंटर लगाए गए, जहां 6 निजी कंपनियां और 5 सरकारी विभागों ने भाग लिया। इनमें शामिल प्रमुख नियोक्ता थे:
- Domino's Pizza, नवादा
- GR Mom’s Kitchen, नवादा
- Aditya Birla Sun Life Insurance, नवादा
- Vishal Mega Mart, नवादा
- Instakart Services Pvt. Ltd.
- Hotel Aakash, नवादा
इनके साथ-साथ सरकारी विभाग, जैसे कि सामाजिक सुरक्षा कोषांग, श्रम अधीक्षक कार्यालय, और एनसीएस दिव्यांग केंद्र (पटना), ने भी अपनी योजनाओं की जानकारी दी।
शिविर की उपलब्धियां
इस शिविर में कुल 115 बायोडाटा प्राप्त हुए, जिनमें से 32 दिव्यांगजनों को पहले चरण में चयनित किया गया। नियोक्ताओं और सरकारी विभागों ने रोजगार और मार्गदर्शन के साथ-साथ उनके विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।
इतिहास में ऐसे प्रयासों की प्रासंगिकता
भारत में दिव्यांगजनों के अधिकार और सशक्तीकरण पर ध्यान वर्ष 1995 के दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (PWD Act) से शुरू हुआ। इसके तहत सरकार और समाज को दिव्यांगजनों के लिए रोजगार, शिक्षा और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम करना था। इस शिविर जैसे प्रयास उस अधिनियम के उद्देश्यों को आगे बढ़ाते हैं और दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करते हैं।
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