Nawada Bust: न्यू ईयर पार्टी में शराब तस्करों के अरमानों पर फेरा पानी, भारी मात्रा में विदेशी शराब जब्त
बिहार के नवादा में न्यू ईयर जश्न के लिए विदेशी शराब का भंडारण कर रहे तस्करों पर पुलिस ने कसा शिकंजा। वारिसलीगंज में छापेमारी के दौरान 383 बोतल विदेशी शराब व बीयर जब्त, तीन गिरफ्तार।
नवादा के वारिसलीगंज में पुलिस ने नए साल के जश्न में खपाने के लिए तैयार भारी मात्रा में विदेशी शराब को जब्त कर शराब तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। बिहार में लागू शराबबंदी कानून के बावजूद तस्कर झारखंड सीमा के जरिए राज्य में शराब लाकर मोटी कमाई करने की फिराक में थे। लेकिन गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 383 बोतल विदेशी शराब और बीयर बरामद की।
कैसे पकड़ा गया तस्करों का नेटवर्क?
वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के उत्तर बाजार स्थित एक घर में शराब का भंडारण किया गया था। थाना अध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में हुई छापेमारी में यह खेप बरामद हुई। मौके से तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान इस प्रकार है:
- सुबोध कुमार (उत्तर बाजार निवासी)
- मनीष कुमार (महुली गांव निवासी)
- रतन कुमार (भुआलचक गांव निवासी)
गिरफ्तार तस्करों के पास से रॉयल स्टैग, ब्लेंडर प्राइड, बकार्डी व्हाइट रम, इम्पीरियल ब्लू और किंगफिशर बीयर जैसी ब्रांडेड शराब की बोतलें बरामद की गईं।
न्यू ईयर पार्टी के लिए थी खास तैयारी
पुलिस के अनुसार, जब्त शराब की कीमत बाजार में लगभग डेढ़ लाख रुपये आंकी गई है। यह शराब नए साल के जश्न में खपाने के लिए तैयार की गई थी। शराबबंदी के चलते बिहार में शराब की कीमतें दोगुनी होती हैं, जिससे तस्कर भारी मुनाफा कमाते हैं।
शराब तस्करी का गोरखधंधा और उसका इतिहास
बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। इसके बावजूद तस्करी का नेटवर्क झारखंड और दूसरे राज्यों से शराब की खेप लाकर यहां बेचता है। शराबबंदी के बावजूद तस्करों के हौसले बुलंद हैं। ऐसे मामलों में जहरीली शराब की बिक्री भी शामिल है, जिसने अतीत में कई जानें ली हैं।
गौरतलब है कि नवादा में पहले भी जहरीली शराब कांड की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान चली गई थी। इसके बावजूद तस्कर कानून और पुलिस की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करते रहते हैं।
पुलिस की टीम और उनकी कार्रवाई
छापेमारी में थाना अध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा, एसआई भोला प्रसाद सिंह, पीटीसी पप्पू कुमार और संतोष कुमार सिंह समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे। पूरी टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए तस्करों को रंगे हाथों पकड़ा।
शराबबंदी के बावजूद क्यों फलफूल रहा है कारोबार?
बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन तस्करों का नेटवर्क सक्रिय है। झारखंड और अन्य राज्यों से सटी सीमाओं के जरिए शराब की खेप मंगाई जाती है। कई बार ये खेपें नए साल जैसे बड़े अवसरों पर खपाई जाती हैं।
क्या है सरकार और प्रशासन का अगला कदम?
सरकार और पुलिस प्रशासन तस्करी पर रोक लगाने के लिए लगातार छापेमारी कर रहे हैं। इस बार की कार्रवाई से पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया है कि शराब माफिया कितने भी चालाक क्यों न हों, कानून का शिकंजा उन पर कसेगा।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की। उनका कहना है,
"ऐसी कार्रवाई न केवल शराब तस्करों पर लगाम लगाएगी, बल्कि शराबबंदी कानून को भी मजबूत बनाएगी।"
नवादा पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल नए साल के जश्न को तस्करों के जाल से बचाया, बल्कि शराबबंदी कानून के प्रति एक सख्त संदेश भी दिया। पुलिस की लगातार कार्रवाई से तस्करों की गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकती है।
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