Nawada Bank Fraud: नवादा में बैंकिंग घोटाला का खुलासा – SBI कर्मी ने 22 लाख की हेराफेरी से मचाई हलचल!
नवादा जिले के रजौली अनुमंडल में एसबीआई कर्मी द्वारा 22 लाख रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया। जानें पूरी कहानी, कैसे हुआ फर्जीवाड़ा और क्या है आगे की कार्रवाई।
नवादा जिले के रजौली अनुमंडल मुख्यालय में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की शाखा से एक बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आया है। यहां बैंक कर्मी ने ग्राहक को झांसे में लेकर 22 लाख रुपये की अवैध निकासी कर दी। यह मामला तब प्रकाश में आया जब उपभोक्ता ने पैसे ट्रांसफर में देरी की शिकायत की।
चितरकोली पंचायत के गोपालपुर दिबौर गांव निवासी मुकेश कुमार ने 14 जनवरी 2025 को 11-11 लाख रुपये के दो चेक के माध्यम से कुल 22 लाख रुपये एक खाते में ट्रांसफर कराने के लिए आरटीजीएस (RTGS) फॉर्म भरा था। लेकिन बैंक के काउंटर नंबर-2 पर बैठे कर्मी ने उनके फॉर्म में गलती बताकर दूसरा फॉर्म भरने और सिर्फ हस्ताक्षर करने की बात कही।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
बैंक कर्मी ने उपभोक्ता को आश्वासन दिया कि पैसे कुछ ही घंटों में ट्रांसफर हो जाएंगे। भरोसा करके मुकेश कुमार घर लौट गए। लेकिन जब 15 जनवरी तक भी पैसे ट्रांसफर नहीं हुए, तो उन्होंने बैंक में संपर्क किया। यहां उन्हें काउंटर नंबर-2 पर बैठे बैंक कर्मी के अनुपस्थित होने की जानकारी मिली।
बैंक से संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को जब मामले की सूचना दी गई, तो तुरंत जांच शुरू हुई। बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। पीड़ित उपभोक्ता के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर देखा गया कि बैंक कर्मी ने उनकी आरटीजीएस प्रक्रिया का दुरुपयोग किया।
इतिहास और बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी के मामले
बैंकिंग इतिहास में ऐसे धोखाधड़ी के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं, जहां बैंक कर्मचारी अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर ग्राहकों के पैसे हड़पने की कोशिश करते हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि बैंकिंग सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है और ग्राहकों को जागरूक बनाने की कितनी जरूरत है।
भारत में डिजिटल लेनदेन और आरटीजीएस जैसी सुविधाएं वित्तीय लेनदेन को आसान बनाती हैं, लेकिन इन्हें सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी बैंक और उपभोक्ता दोनों की होती है।
बैंक मैनेजर और पुलिस की भूमिका
घटना के बाद बैंक मैनेजर रंजीत कुमार ने पीड़ित उपभोक्ता को थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने की सलाह दी। उन्होंने यह भी बताया कि बैंक स्तर पर मामले की जांच जारी है।
रजौली थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने कहा कि आवेदन मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि मामले की हर पहलू से जांच की जाएगी और दोषियों को सजा मिलेगी।
इस घटना से मिली सीख
इस घटना ने ग्राहकों को यह समझने का मौका दिया है कि बैंकिंग लेनदेन में सतर्कता बेहद जरूरी है।
- साइन करने से पहले फॉर्म को ध्यान से पढ़ें: सुनिश्चित करें कि आप जो दस्तावेज जमा कर रहे हैं, वह पूरी तरह से सही और समझने योग्य हो।
- संदेह होने पर तुरंत सवाल करें: बैंक कर्मी पर पूरी तरह से भरोसा न करें, और अगर कुछ असामान्य लगे, तो उच्च अधिकारियों से संपर्क करें।
- डिजिटल रिकॉर्ड और रसीद रखें: बैंकिंग लेनदेन से जुड़े हर दस्तावेज और रिकॉर्ड को सुरक्षित रखें।
बैंक की जवाबदेही और ग्राहक जागरूकता
यह घटना न केवल बैंकिंग प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को दर्शाती है, बल्कि ग्राहकों के जागरूक रहने की अहमियत भी बताती है। ग्राहकों को अपने बैंकिंग अधिकारों और सुरक्षा उपायों की जानकारी होनी चाहिए।
बैंक को भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अपनी निगरानी प्रणाली को और मजबूत करना होगा।
क्या है आगे की कार्रवाई?
बैंक और पुलिस की संयुक्त जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज और अन्य दस्तावेजों के आधार पर दोषी कर्मी पर कार्रवाई की जाएगी। बैंक ने भरोसा दिलाया है कि ग्राहक के पैसे की पूरी सुरक्षा की जाएगी।
इस घटना से जुड़ी हर जानकारी को सार्वजनिक किया जाएगा ताकि अन्य उपभोक्ताओं को भी सतर्क किया जा सके।
What's Your Reaction?