Navada Initiative: महिलाओं के लिए नया अधिकार केंद्र, जानें इसका बड़ा फायदा
नवादा: महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण को नई दिशा देने के लिए नवादा के रजौली प्रखंड में जीविका दीदी अधिकार केंद्र का शुभारंभ किया गया। उग्रवाद प्रभावित इस इलाके में यह केंद्र महिलाओं के लिए सामाजिक और आर्थिक आजादी का नया द्वार खोलने वाला है। जिलाधिकारी श्री रवि प्रकाश और उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रियंका रानी ने फीता काटकर इस केंद्र का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए, और इसके साथ-साथ उनके कर्तव्यों का भी ज्ञान होना आवश्यक है। इस केंद्र के माध्यम से महिलाएं अपने अधिकारों को पहचानने और उनकी रक्षा करने में सक्षम होंगी।
क्या है जीविका दीदी अधिकार केंद्र?
नवादा जिले का यह नया केंद्र महिलाओं के लिए एक वन-स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करेगा। यहां महिलाओं को घरेलू हिंसा, अधिकारों की जानकारी, और कानूनी मदद मिलेगी। साथ ही, उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा।
जिला परियोजना प्रबंधक मनोज कुमार गिरी ने बताया कि यह केंद्र न केवल अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि इसे सामाजिक और आर्थिक बदलाव का एक जरिया भी बनाएगा। रजौली के साथ-साथ रोह, नारदीगंज, और काशीचक प्रखंड में भी ऐसे केंद्र खोले जा रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण का इतिहास और वर्तमान प्रयास
बिहार में महिलाओं को सशक्त करने के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। जीविका परियोजना का इतिहास 2006 में शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य महिलाओं को संगठित कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाना था। जीविका के तहत महिलाओं ने समूह बनाकर बचत और लोन जैसी सुविधाओं का लाभ उठाया।
अब, इस परियोजना के अगले चरण में जीविका दीदी अधिकार केंद्र का शुभारंभ हुआ है। यह कदम न केवल सामाजिक जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में बड़ा योगदान देगा।
घरेलू हिंसा में कमी लाने की पहल
उप विकास आयुक्त ने कहा कि ऐसे केंद्रों के माध्यम से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा। जब महिलाएं अपने अधिकारों को पहचानेंगी, तो घरेलू हिंसा की घटनाओं में कमी आएगी।
उन्होंने इस पहल को समाज में बदलाव का आधार बताते हुए कहा कि जीविका केंद्र महिलाओं को सामाजिक और कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का प्लेटफॉर्म है।
केंद्र से मिलने वाले लाभ
कानूनी सहायता: केंद्र पर कानूनी विशेषज्ञ महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे।
आर्थिक सशक्तिकरण: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए रोजगार के अवसर और मार्गदर्शन दिया जाएगा।
सामाजिक समर्थन: सामुदायिक समन्वयकों के माध्यम से महिलाओं को हर तरह की सहायता मिलेगी।
घरेलू हिंसा से सुरक्षा: घरेलू हिंसा और अन्य उत्पीड़न से निपटने के लिए यह केंद्र वन-स्टॉप समाधान देगा।
महिलाओं की प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में मौजूद रजौली पश्चिमी पंचायत की मुखिया शुभद्रा सिंह ने कहा, "यह केंद्र हमारे समाज की महिलाओं को एक नई दिशा देगा। मैं हमेशा जीविका दीदियों के साथ खड़ी रहूंगी।"
इस मौके पर कई जीविका दीदियों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि जीविका से जुड़ने के बाद उनके जीवन में कितना बदलाव आया है।
प्रशासन का संदेश
जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने सभी परिवारों से जीविकोपार्जन की गतिविधियों को अपनाने और आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में कदम बढ़ाने की अपील की।
जीविका दीदी अधिकार केंद्र नवादा के लिए सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि बदलाव की शुरुआत है। महिलाओं के अधिकारों और कर्तव्यों को समझाने के साथ-साथ यह केंद्र उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा।
यह पहल न केवल नवादा बल्कि पूरे बिहार में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन सकती है। आइए, इस बदलाव में भागीदार बनें और समाज को एक नई दिशा दें।