Jamshedpur: संविधान दिवस पर कोर्ट परिसर में हुई प्रस्तावना की धूम, जानें इसका ऐतिहासिक महत्व
Jamshedpur में संविधान दिवस के अवसर पर कोर्ट परिसर में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया। जानें इस महत्वपूर्ण दिन के बारे में और संविधान का पाठ क्यों है खास।
जमशेदपुर: संविधान दिवस के मौके पर मंगलवार को जमशेदपुर सिविल कोर्ट में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अनिल कुमार मिश्रा के नेतृत्व में सभी न्यायिक पदाधिकारियों ने एकजुट होकर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। इस अवसर पर कोर्ट परिसर में जमशेदपुर के न्यायिक अधिकारियों ने संविधान के महत्व को समझते हुए इस दिन को बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया।
संविधान दिवस: इतिहास और महत्व
26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1949 में भारतीय संविधान को अंगीकृत किया गया था। हालांकि, भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ था, लेकिन यह दिन विशेष रूप से संविधान की प्रस्तावना के महत्व को समझने और उसे सम्मानित करने का दिन है। संविधान की प्रस्तावना भारतीय संविधान का मूल दस्तावेज़ है, जो न केवल इसके उद्देश्यों को स्पष्ट करता है बल्कि भारत के लोकतंत्र और उसकी वैचारिक नींव को भी रेखांकित करता है।
संविधान की प्रस्तावना भारतीय समाज के मूल सिद्धांतों को व्यक्त करती है, जिसमें न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का उल्लेख है। यह एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
जमशेदपुर सिविल कोर्ट में हुआ संविधान का पाठ
इस खास दिन पर, जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में संविधान की प्रस्तावना का पाठ मुख्य न्यायिक अधिकारी श्री अनिल कुमार मिश्रा के नेतृत्व में हुआ। उन्होंने संविधान के निर्माण, प्रस्तावना, और इसके लागू होने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान न केवल एक कानूनी दस्तावेज़ है, बल्कि यह भारत के नागरिकों के लिए एक जीवित और गतिशील मार्गदर्शक सिद्धांत भी है।
श्री मिश्रा ने बताया कि संविधान का उद्देश्य सिर्फ कानूनी व्यवस्था स्थापित करना नहीं है, बल्कि यह एक सकारात्मक सामाजिक ढांचा तैयार करता है जो सभी नागरिकों के लिए समान अवसर और अधिकार सुनिश्चित करता है। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री राजेंद्र प्रसाद भी उपस्थित थे, और उन्होंने भी संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया।
घाटशिला में भी मनाया गया संविधान दिवस
संविधान दिवस के मौके पर घाटशिला व्यवहार न्यायालय में भी प्रस्तावना का पाठ किया गया। घाटशिला न्यायालय में पदस्थापित सभी न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक साथ संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने संविधान को अक्षरसः पालन करने की शपथ ली और इसके मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन करने का संकल्प लिया।
कानूनी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
जमशेदपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों, पंचायतों और थानों में विधिक सहायता केंद्रों पर पारा लीगल वॉलिंटियर्स ने संविधान दिवस के अवसर पर कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में स्थानीय निवासियों को भारतीय संविधान में वर्णित उनके मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों ने संविधान के प्रति अपने आदर्शों को साझा किया और सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। यह कार्यक्रम नागरिकों को संविधान के प्रति जागरूक करने का एक शानदार प्रयास था, जिसमें सभी वर्गों के लोग शामिल हुए।
संविधान के प्रति प्रतिबद्धता का संकल्प
इस विशेष अवसर पर जमशेदपुर के न्यायालयों और विधिक सहायता केंद्रों में काम करने वाले सभी व्यक्तियों ने संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और संविधान के नियमों का पालन करने की शपथ ली। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि संविधान केवल एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि यह हर भारतीय के जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
संविधान दिवस के इस कार्यक्रम ने यह दिखाया कि भारतीय संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि यह हमारे समाज और लोकतंत्र का आधार है। जमशेदपुर में आयोजित इस कार्यक्रम ने न्यायपालिका, विधिक सेवा प्राधिकरण और आम नागरिकों को संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का एक अहम मौका दिया।
यह दिन हर नागरिक के लिए संविधान की गरिमा और उसके मूल सिद्धांतों को समझने का अवसर है। जमशेदपुर के इस कार्यक्रम ने एक नई दिशा दिखाई कि कैसे संविधान का पालन समाज में समानता, स्वतंत्रता, और न्याय सुनिश्चित कर सकता है।
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