Nawada Scam: साइबर ठगों के जाल में फंसे आईसीडीएस परीक्षार्थी, पुलिस ने 3 को दबोचा
नवादा जिले में साइबर ठगों के गिरोह ने आईसीडीएस महिला सुपरवाइजर परीक्षा पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये ठगे। पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर कई महत्वपूर्ण सामान बरामद किए। जानिए पूरी खबर।
नवादा जिले से एक बार फिर साइबर अपराध की खबर आई है, जिसमें आईसीडीएस महिला सुपरवाइजर परीक्षा पास कराने के नाम पर ठगी का बड़ा मामला सामने आया। इस घोटाले के तहत साइबर ठग फेल अभ्यर्थियों को झांसा देकर उनसे लाखों रुपये ऐंठ रहे थे। हाल ही में साइबर पुलिस ने तीन मुख्य अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके पास से महत्वपूर्ण सामान बरामद किए हैं।
ठगी का तरीका: परीक्षा पास कराने का लालच
सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह आईसीडीएस महिला सुपरवाइजर परीक्षा में फेल हुए अभ्यर्थियों को यह कहकर प्रलोभन देता था कि उनकी परीक्षा में कुछ अंक से चयन नहीं हो सका है। अगर वे कुछ पैसे देते हैं तो उनकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को मंजूरी दी जा सकती है। इस ठगी की शुरुआत छोटे-छोटे पैसे मांगने से होती थी, फिर कागजात के सत्यापन, वरिष्ठ अधिकारियों को रुपये देने और जॉइनिंग डिपार्टमेंट के नाम पर लाखों रुपये ठग लिए जाते थे।
पुलिस की सख्त कार्रवाई
डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष प्रिया ज्योति के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मुड़लाचक और दरियापुर गांव में छापेमारी की और तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया। अपराधियों के पास से 10 मोबाइल फोन, 3 एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप और एक बाइक बरामद की गई।
एसपी अभिनव धीमान ने बताया कि साइबर थाना कांड संख्या 67/24 दर्ज कर लिया गया है। इस गिरोह के द्वारा रोहतास जिले की एक महिला से 2 नवंबर से अब तक 1 लाख 80 हजार रुपये की ठगी की गई थी। महिला से पहली बार 7 हजार, फिर 58 हजार और तीसरी बार 1 लाख 15 हजार रुपये ठगे गए थे। इसके बाद भी अपराधियों ने डेढ़ लाख रुपये और मांगे।
अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी
गिरफ्तार किए गए अपराधियों की पहचान वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के दरियापुर गांव के अरुण रविदास के पुत्र अप्पू कुमार, रतन रविदास के पुत्र रंजन कुमार और रोह थाना क्षेत्र के कुंज गांव के सुबोध प्रसाद सिंह के पुत्र कौशल कुमार के रूप में हुई है। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
गिरफ्तारी के लिए बनी टीम
एसपी ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम बनाई गई थी, जिसमें अपर थानाध्यक्ष संजीत सिंह, इंस्पेक्टर अमरेंद्र कुमार, एसआई निलेश सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। इस टीम ने तकनीकी साक्ष्य और प्रतिबिंब पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर इस ठगी के मामले का पर्दाफाश किया।
साइबर अपराध से बचाव के सुझाव
पुलिस ने आम जनता को चेतावनी दी है कि ऐसे ठगों के झांसे में न आएं। सरकारी नौकरी या परीक्षा पास कराने के लिए पैसे मांगने वाली किसी भी बात को गंभीरता से लें और संबंधित अधिकारियों से सत्यता की जांच करें।
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