Mumbai Bullet Train Project: जानिए समुद्र के नीचे पहली सुरंग के निर्माण की शानदार स्थिति, 21 किलोमीटर लंबी सुरंग की अनोखी जानकारी

मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण तेज़ी से जारी है, जिसमें भारत की पहली समुद्र के नीचे सुरंग भी शामिल है। जानें इस अद्भुत परियोजना की सभी प्रमुख जानकारी।

Jan 18, 2025 - 19:59
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Mumbai Bullet Train Project: जानिए समुद्र के नीचे पहली सुरंग के निर्माण की शानदार स्थिति, 21 किलोमीटर लंबी सुरंग की अनोखी जानकारी
Mumbai Bullet Train Project: जानिए समुद्र के नीचे पहली सुरंग के निर्माण की शानदार स्थिति, 21 किलोमीटर लंबी सुरंग की अनोखी जानकारी

मुंबई, बुलेट ट्रेन परियोजना की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए, महाराष्ट्र राज्य में 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण तेजी से जारी है। इस परियोजना में भारत की पहली 7 किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे सुरंग भी शामिल है। इस महत्वपूर्ण निर्माण कार्य का निरीक्षण आज माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी ने किया, जिन्होंने परियोजना के विकास और इसके महत्व पर प्रकाश डाला।

भारत की पहली भूमिगत और समुद्री सुरंग का निर्माण

मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। इसमें 16 किलोमीटर की सुरंग टनल बोरिंग मशीनों (TBM) से और शेष 5 किलोमीटर एनएटीएम (NATM) विधि से खुदी जा रही है। इस सुरंग का एक प्रमुख हिस्सा ठाणे क्रीक के नीचे स्थित 7 किलोमीटर लंबी समुद्री सुरंग है, जिसे लेकर क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भारी उम्मीदें हैं।

सुरंग निर्माण कार्य में तेज़ी और सुरक्षा

इस परियोजना के अंतर्गत विभिन्न सुरंग शाफ्ट और पोर्टल पहले ही पूरी हो चुकी हैं। एडीआईटी (ADIT) पोर्टल की 394 मीटर लंबी सुरंग मई 2024 तक पूरी हो चुकी है, जो शिलफाटा के अतिरिक्त उत्खनन कार्य को सुलभ बनाती है। इसके अलावा, मुंबई एचएसआर स्टेशन पर शाफ्ट 1 की खुदाई चल रही है, जिसकी गहराई 36 मीटर है। विखरोली में शाफ्ट 2 की खुदाई पूरी हो चुकी है, जो सुरंग खोदने वाली मशीनों को विभिन्न दिशाओं में उतारने के लिए उपयोग में लाई जाएगी।

सुरंग सुरक्षा के मानक

सुरंग निर्माण के दौरान सुरक्षा एक बड़ी प्राथमिकता है। परियोजना में पूरी तरह से वेंटिलेशन की व्यवस्था की जा रही है, जिससे कामकाजी वातावरण सुरक्षित और हवादार बना रहे। साथ ही, सुरंग स्थल के आसपास की संरचनाओं की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। विभिन्न भू-तकनीकी उपकरण जैसे इनक्लिनोमीटर, कंपन मॉनिटर, और ग्राउंड सेटलमेंट मार्कर स्थापित किए गए हैं, जो निर्माण कार्य के दौरान किसी भी अनहोनी से बचने के लिए बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सुरंग लाइनिंग का कार्य भी तेज़ी से जारी

महापे में स्थित कास्टिंग यार्ड में 16 किलोमीटर लंबी सुरंग के लिए लाइनिंग का कार्य भी जारी है। यहां, विशेष रिंग खंड बनाए जा रहे हैं, जिनकी कुल संख्या 7,700 है। प्रत्येक रिंग में 9 घुमावदार खंड और एक प्रमुख खंड होता है, जिनका निर्माण उच्च गुणवत्ता वाले एम70 ग्रेड कंक्रीट से किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से सुरंग की संरचनात्मक मजबूती और दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्चित होता है।

भविष्य की दिशा और महत्व

यह बुलेट ट्रेन परियोजना केवल मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा की गति को बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय इंजीनियरिंग और निर्माण क्षमता को भी वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। समुद्र के नीचे सुरंगों का निर्माण भारतीय इंजीनियरों के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है, जिसे वे सफलता के साथ पूरा कर रहे हैं।

कास्टिंग यार्ड और मशीनरी

महापे कास्टिंग यार्ड में स्वचालित मशीनों और गैंट्री का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाली रिंगों का निर्माण किया जा रहा है। इस यार्ड में 77,000 खंडों का निर्माण होगा, जिससे भविष्य में और भी सुरंगों का निर्माण किया जाएगा। यार्ड में आधुनिक क्यूए-क्यूसी प्रयोगशाला भी है, जहां निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जाँच की जाती है।

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