मध्य प्रदेश: महिला के पेट से निकला ढाई किलो बालों का गुच्छा, जानिए कैसे हुई यह अजीबोगरीब घटना!

मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक महिला के पेट से ढाई किलो बालों का गुच्छा निकाला गया। महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान बाल खाने की आदत लगी थी। जानिए इस अजीबोगरीब घटना का पूरा विवरण।

Sep 14, 2024 - 12:58
Sep 14, 2024 - 13:49
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मध्य प्रदेश: महिला के पेट से निकला ढाई किलो बालों का गुच्छा, जानिए कैसे हुई यह अजीबोगरीब घटना!
मध्य प्रदेश: महिला के पेट से निकला ढाई किलो बालों का गुच्छा, जानिए कैसे हुई यह अजीबोगरीब घटना!

क्या आपने कभी सुना है कि कोई बाल खा सकता है? मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान बाल खाने की अजीब आदत लग गई। इस आदत के चलते महिला के पेट में ढाई किलो बालों का गुच्छा बन गया, जिससे उसे असहनीय दर्द होने लगा।

ऑपरेशन में निकला बालों का ढाई किलो गुच्छा

यह घटना चित्रकूट स्थित जानकी कुण्ड चिकित्सालय की है। महोबा जिले की 25 वर्षीय महिला कुछ दिनों से पेट में तेज दर्द की शिकायत कर रही थी। उसे पहले बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन वहां कोई राहत नहीं मिली। फिर परिजन उसे जानकी कुण्ड चिकित्सालय लेकर आए, जहां अल्ट्रासाउंड और सिटिस्केन में पता चला कि महिला के पेट में बालों का एक बड़ा गुच्छा है।

चिकित्सकों ने बताया कि महिला के पेट से सर्जरी के दौरान ढाई किलो बालों का गुच्छा निकाला गया।

कैसे लगी यह अजीब आदत?

चिकित्सा जांच के दौरान महिला ने खुलासा किया कि अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान उसे बाल खाने की आदत लग गई थी। आसपास जहां भी बाल मिलते, वह उन्हें खा जाती थी। यह आदत डिलीवरी के बाद बंद हो गई, लेकिन पेट के अंदर बालों का गुच्छा बनने लगा था, जो उसे लगातार पीड़ा दे रहा था।

मेडिकल भाषा में इस स्थिति को ट्राइकोबैज्योर कहा जाता है, जहां लोग बाल खाने लगते हैं। चिकित्सकों ने बताया कि बाल आमाशय में जाकर जमा हो गए थे, जिससे उसे उल्टियां होने लगीं और खाना भी नहीं खा पा रही थी।

सर्जरी के बाद महिला सुरक्षित

सर्जरी के बाद महिला की हालत अब स्थिर है और उसे पूरी तरह से सुरक्षित माना जा रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि अगर समय रहते सर्जरी नहीं होती, तो यह मामला और गंभीर हो सकता था।

यह घटना एक उदाहरण है कि कैसे शरीर में अजीब आदतें और विकार असामान्य स्थितियों को जन्म दे सकते हैं। ट्राइकोबैज्योर जैसी स्थिति को समय पर पहचानकर इसका इलाज करना बेहद जरूरी है, ताकि मरीज की जान बचाई जा सके।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।