बढ़ते डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए गृह मंत्रालय ने बनाई हाई लेवल कमेटी

साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए गृह मंत्रालय ने गठित की हाई लेवल कमेटी। जानें कैसे यह कमेटी साइबर अपराधों को रोकने में मदद करेगी।

Oct 30, 2024 - 15:39
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बढ़ते डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए गृह मंत्रालय ने बनाई हाई लेवल कमेटी
बढ़ते डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए गृह मंत्रालय ने बनाई हाई लेवल कमेटी

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 – देश में तेजी से बढ़ते साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर काबू पाने के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बुधवार को एक हाई लेवल कमेटी गठित की है। गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव इस कमेटी की निगरानी कर रहे हैं, जो इस समस्या से निपटने के लिए विशेष अभियान भी चलाएगी।

पीएम मोदी ने दी थी सजग रहने की सलाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड में ‘डिजिटल अरेस्ट’ के खतरों को लेकर नागरिकों को जागरूक किया था। उन्होंने नागरिकों को ‘रुको-सोचो-एक्शन लो’ का मंत्र देकर साइबर फ्रॉड से बचने की सलाह दी थी। पीएम मोदी ने कहा था कि साइबर अपराधी लोगों की निजी जानकारी जुटाकर, भय पैदा कर और समय का दबाव डालकर उन्हें फंसाने का प्रयास करते हैं।

डिजिटल अरेस्ट रोकने के लिए गृह मंत्रालय की पहल

पीएम मोदी की इस नसीहत के बाद गृह मंत्रालय ने डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण के लिए यह ठोस कदम उठाया। एमएचए के अनुसार, इस साल अब तक डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी 6,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। गृह मंत्रालय के 14सी विंग ने 6 लाख मोबाइल नंबर और 709 मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक किया है।

इसके अलावा, साइबर फ्रॉड में शामिल 1 लाख 10 हजार आईएमईआई नंबर और 3.25 लाख फेक बैंक अकाउंट भी फ्रीज किए गए हैं। मंत्रालय के 14सी विंग ने सभी राज्यों की पुलिस से संपर्क कर साइबर अपराधों पर केस-टू-केस निगरानी करने का निर्देश दिया है।

कैसे काम करेगी हाई लेवल कमेटी

गृह मंत्रालय की इस नई कमेटी का उद्देश्य डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर तेजी से एक्शन लेना है। कमेटी साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए उपाय सुझाएगी और डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करेगी। हर घटना को गंभीरता से लेते हुए यह सुनिश्चित करेगी कि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान

गृह मंत्रालय के अनुसार, इस कमेटी का गठन डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के बढ़ते खतरे को देखते हुए किया गया है। मंत्रालय का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट जैसे धोखों में अपराधी लोगों की निजी जानकारी का दुरुपयोग करते हैं और उन्हें मानसिक रूप से दबाव में डालते हैं। इसलिए, जनता को जागरूक करते हुए मंत्रालय ने इस कमेटी का गठन किया है ताकि साइबर अपराधों पर सख्ती से नकेल कसी जा सके।

देशवासियों के लिए चेतावनी

गृह मंत्रालय ने जनता से आग्रह किया है कि वे अनजान कॉल और संदिग्ध लिंक से बचें और अपनी निजी जानकारी सुरक्षित रखें। डिजिटल सुरक्षा के प्रति सजग रहना और पीएम मोदी द्वारा सुझाए गए ‘रुको-सोचो-एक्शन लो’ के मंत्र का पालन करना साइबर फ्रॉड से बचने में मददगार साबित हो सकता है।

गृह मंत्रालय की इस पहल से उम्मीद है कि डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के मामलों में कमी आएगी और देशवासी अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।