Meerut Family Clash : महिला को बेटी पैदा होने पर ससुराल और मायके पक्ष में खूनी भिड़ंत! जानें पूरा मामला
मेरठ में महिला के बेटी पैदा होने पर ससुराल और मायके पक्ष के बीच खूनी भिड़ंत हो गई। जानें कैसे शुरू हुआ विवाद और पुलिस ने कैसे किया कार्रवाई।
यूपी के मेरठ जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला को बेटी पैदा होने के कारण ससुराल और मायके पक्ष के बीच खूनी संघर्ष हो गया। यह घटना मेरठ के लिसाड़ी गेट स्थित शालीमार गार्डन में बुधवार दोपहर को घटी, जहां महिला के परिवार वालों और ससुराल वालों के बीच पथराव और मारपीट की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी।
क्या है पूरा मामला?
लक्कीपुरा के अली हसन ने करीब एक साल पहले अपनी बेटी बुशरा का विवाह शालीमार गार्डन के सूफियान से किया था। कुछ दिन पहले ही बुशरा ने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद बुशरा के ससुराल वालों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि सूफियान और उसके परिवार को बेटी के जन्म से निराशा हुई, और इसके बाद महिला को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।
जब महिला ने इस उत्पीड़न के बारे में अपने परिजनों को बताया, तो बुधवार की सुबह उसने अपने परिवार को फोन कर सारी घटना की जानकारी दी। इसके बाद बुशरा के पिता अली हसन, भाई कादिर, वाहिद, बबली और अन्य परिवारजन अपनी बेटी के ससुराल पहुंचे।
ससुराल और मायके पक्ष में कैसे हुआ विवाद?
जैसे ही बुशरा के परिजन सूफियान के घर पहुंचे, वहां दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। इस बहस ने धीरे-धीरे हिंसक रूप ले लिया और बुशरा के परिजनों ने सूफियान, उसकी मां सलमा, बहन महमूना और पड़ोसी कैफ को जमकर पीट दिया। इसके बाद इलाके में चीख-पुकार मच गई, और मोहल्ले के लोग इकट्ठा हो गए।
यहां से मामला और भी बढ़ गया जब बुशरा के परिजनों ने एक मकान की छत पर चढ़कर पथराव करना शुरू कर दिया। मोहल्लेवालों ने भी जवाबी पथराव किया, जिससे इलाके में हंगामा मच गया।
पुलिस ने किस प्रकार कार्रवाई की?
सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों के आठ लोगों को हिरासत में ले लिया। इन आरोपियों में बुशरा के परिजन कादिर, वाहिद, बबली, अली हसन और सूफियान के परिजन सूफियान, उसकी मां सलमा, उसके पिता नईम और पड़ोसी कैफ को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सभी आरोपियों पर शांतिभंग का मामला दर्ज करते हुए उन्हें कोर्ट में पेश किया।
बेटी के जन्म पर उत्पीड़न की वजह
यह पूरा विवाद समाज में महिला और बेटी के प्रति मानसिकता को उजागर करता है। जहां एक ओर बेटी का जन्म किसी परिवार के लिए खुशी का कारण होना चाहिए, वहीं दूसरी ओर कुछ परिवारों में इसे लेकर असंतोष और नकारात्मकता पाई जाती है। यह घटना यह साबित करती है कि आज भी कई परिवारों में लड़के के जन्म की अपेक्षा बेटी के जन्म को लेकर असंतोष और दबाव होता है।
पुलिस और प्रशासन का कदम
इस घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मामले को शांत करने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस की कार्रवाई के बावजूद इस तरह के परिवारिक विवादों की जड़ें समाज की गहरी मानसिकता में हैं, जिन्हें बदलने की जरूरत है। इस घटना के बाद प्रशासन ने यह आश्वासन दिया है कि वे इस तरह के विवादों पर नजर बनाए रखेंगे और परिवारिक हिंसा से संबंधित मामलों में सख्त कदम उठाएंगे।
मेरठ में बेटी के जन्म को लेकर उत्पन्न हुए इस विवाद ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि समाज में जेंडर असमानता और पुरानी परंपराओं का असर अब भी देखने को मिलता है। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि आखिर हम कब तक ऐसी मानसिकताओं से बाहर निकल पाएंगे? इस तरह की घटनाओं से न केवल पीड़ित महिला और उसके परिवार को मानसिक और शारीरिक चोट पहुंचती है, बल्कि समाज में भी नकारात्मक संदेश जाता है। हमें इस समाजिक समस्या पर गंभीरता से विचार करना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ी को इस तरह के संघर्षों का सामना न करना पड़े।
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