खरसावां, 13 नवंबर: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रह चुके अर्जुन मुंडा ने बुधवार को अपनी धर्मपत्नी डॉ. मीरा मुंडा के साथ खरसावां के खलारीसाईं स्थित मतदान केंद्र पर पहुंचकर वोट डाला। मतदान के बाद अर्जुन मुंडा ने राज्य के मतदाताओं से लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। उनकी पत्नी मीरा मुंडा इस बार पोटका विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं, जो इस चुनाव को लेकर एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
मतदान के बाद भाजपा की जीत का दावा
अर्जुन मुंडा ने मतदान के बाद स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य में भाजपा-एनडीए की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड में इस बार एक "परिवर्तन की लहर" चल रही है और राज्य की जनता, इंडिया महागठबंधन की नीतियों से त्रस्त होकर बदलाव के पक्ष में मतदान कर रही है। अर्जुन मुंडा के इस बयान से चुनावी माहौल में और भी गरमाहट आ गई है और लोगों के बीच उनकी यह टिप्पणी चर्चा का विषय बन गई है।
क्यों खास है मीरा मुंडा की उम्मीदवारी?
डॉ. मीरा मुंडा का इस बार पोटका विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ना न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि झारखंड की राजनीति के लिए भी एक विशेष घटना है। अर्जुन मुंडा ने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए झारखंड को कई योगदान दिए हैं, और अब उनकी पत्नी मीरा मुंडा का चुनाव में उतरना उनके परिवार के लिए एक नई शुरुआत है। स्थानीय लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा की जीत की उम्मीदें और मजबूत हो गई हैं।
परिवर्तन की लहर का क्या है मतलब?
अर्जुन मुंडा ने "परिवर्तन की लहर" की बात कहकर झारखंड में विपक्षी गठबंधन के प्रति जनता की नाराजगी की ओर इशारा किया। उनका कहना था कि महागठबंधन की नीतियों से राज्य की जनता थक चुकी है और अब वे भाजपा को एक बार फिर मौका देना चाहते हैं। यह बयान राज्य की राजनीतिक दिशा को लेकर भी कई संकेत देता है और यह दर्शाता है कि मतदाताओं में अब बदलाव की भावना प्रबल होती जा रही है।
जनता की भागीदारी पर जोर
अर्जुन मुंडा ने कहा कि लोकतंत्र का यह महापर्व जनता के हाथ में है, और वे ही इसके सच्चे कर्ता-धर्ता हैं। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में बाहर निकलें और अपने अधिकार का प्रयोग करें। अर्जुन मुंडा का मानना है कि एक उच्च मतदान प्रतिशत राज्य में आवश्यक परिवर्तन लाने में सहायक सिद्ध हो सकता है और यही लोकतंत्र की असली ताकत है।
चुनाव में मतदाताओं की भूमिका
झारखंड में इस बार का चुनाव विशेष रूप से भाजपा और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देख रहा है। राज्य की जनता ने अब तक सभी प्रमुख चुनावों में सक्रिय भागीदारी दिखाई है, और इस बार भी उसी उत्साह के साथ मतदान हो रहा है। जनता का यह रुख दिखाता है कि वे अपने भविष्य को लेकर सजग हैं और सही नेतृत्व का चुनाव करना चाहते हैं।
अर्जुन मुंडा का यह दावा कि झारखंड में इस बार बदलाव की लहर है, राज्य की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है। पूर्व सीएम का इस तरह खुलकर भाजपा की जीत का दावा करना और बदलाव की बात करना यह बताता है कि इस बार चुनाव नतीजे महत्वपूर्ण हो सकते हैं। जनता ने यदि वाकई में परिवर्तन का मन बना लिया है, तो इस चुनाव के नतीजे राज्य की दिशा और दशा को बदल सकते हैं।