Jharkhand Workers Rescue: झारखंड के मुख्यमंत्री की पहल पर कैमरून में फंसे 47 श्रमिकों की सुरक्षित वापसी

झारखंड के मुख्यमंत्री की पहल पर कैमरून में फंसे 47 श्रमिकों को सुरक्षित घर लाया गया। जानें कैसे राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उनकी मदद की और बकाया वेतन दिलवाया।

Jan 2, 2025 - 18:25
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Jharkhand Workers Rescue: झारखंड के मुख्यमंत्री की पहल पर कैमरून में फंसे 47 श्रमिकों की सुरक्षित वापसी
Jharkhand Workers Rescue: झारखंड के मुख्यमंत्री की पहल पर कैमरून में फंसे 47 श्रमिकों की सुरक्षित वापसी

झारखंड के मुख्यमंत्री के निर्देश पर कैमरून में फंसे 47 श्रमिकों को सुरक्षित घर वापस लाया गया है। गुरुवार को 27 श्रमिक हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह के जिलों में अपने परिवारों से मिल पाए, जबकि शेष आठ श्रमिक शुक्रवार सुबह बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची पहुंचेंगे।

मुख्यमंत्री की त्वरित पहल:
अगस्त 2024 से अफ्रीकी देश कैमरून में मेसर्स ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड में कार्यरत इन श्रमिकों ने शिकायत की थी कि उन्हें न केवल वेतन में देरी हो रही है बल्कि कंपनी का व्यवहार भी अमानवीय है। यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान में आया। उन्होंने तुरंत राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को कार्रवाई का निर्देश दिया।

कैसे हुआ मामला हल?
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी और श्रमिकों से संपर्क साधा। ईमेल और फोन के माध्यम से अधिकारियों, कंपनी और श्रमिकों के बीच संवाद स्थापित हुआ। इस कार्रवाई के फलस्वरूप न केवल श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई बल्कि उनका ₹39,77,743 बकाया वेतन भी दिलवाया गया।

इतिहास में पहली बार इतना प्रभावी कदम

यह पहली बार नहीं है जब झारखंड सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के हित में बड़ा कदम उठाया है। लेकिन यह मामला इसलिए खास है क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय की जरूरत थी। झारखंड के श्रमिक पहले भी खाड़ी देशों और अफ्रीका के विभिन्न हिस्सों में बेहतर नौकरी की तलाश में जाते रहे हैं।

एफआईआर भी दर्ज:
जिला श्रम अधीक्षकों को निर्देश दिया गया था कि वे नियोजकों और बिचौलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें। इस पहल से यह सुनिश्चित किया गया कि भविष्य में श्रमिकों का शोषण न हो।

आर्थिक मदद और योजनाओं से जोड़ा जाएगा

मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की वापसी के बाद यह निर्देश भी दिया कि उनका पारिवारिक विवरण जुटाकर उन्हें राज्य सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाए। श्रम विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए योजनाओं का लाभ दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

झारखंड प्रवासी श्रमिकों की चुनौतियां

झारखंड से हजारों लोग हर साल बेहतर रोजगार की तलाश में विदेश जाते हैं। लेकिन उनमें से कई बार शोषण और खराब कार्य परिस्थितियों का सामना करते हैं। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि सही सरकारी पहल और संवेदनशीलता के साथ इन समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।

कार्यकर्ताओं और अधिकारियों का योगदान:
इस सफल ऑपरेशन में राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष, श्रमायुक्त कार्यालय, और जिला श्रम अधीक्षक कार्यालय ने सक्रिय भूमिका निभाई।

झारखंड सरकार की इस पहल ने साबित कर दिया है कि राज्य के प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार हमेशा तैयार है। यह घटना अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।