झारखंड चुनाव: मोदी-शाह और राहुल-खड़गे के दौरे से बढ़ी सियासी हलचल

झारखंड में चुनावी माहौल गरमाने लगा है। प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे अपने दौरों से वोटर्स को साधने का प्रयास करेंगे। जानें चुनाव प्रचार की रणनीति।

Nov 2, 2024 - 15:23
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झारखंड चुनाव: मोदी-शाह और राहुल-खड़गे के दौरे से बढ़ी सियासी हलचल
झारखंड चुनाव: मोदी-शाह और राहुल-खड़गे के दौरे से बढ़ी सियासी हलचल

रांची, 2 नवंबर 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी जैसे बड़े नेता झारखंड में आकर रैलियों के माध्यम से मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करेंगे। इन दिग्गज नेताओं के आगमन से राज्य की राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधनों में केंद्र सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों का प्रचार करेंगे। "सबका साथ, सबका विकास" का नारा उनकी रैलियों में मुख्य रूप से सुनाई देगा। मोदी का जोर झारखंड में भाजपा की विकास योजनाओं और उपलब्धियों को गिनाने पर रहेगा। भाजपा का मानना है कि इस चुनाव में उनकी सरकार के विकास कार्यों और योजनाओं का प्रचार मतदाताओं को आकर्षित करेगा।

गृह मंत्री अमित शाह का दौरा भी खास महत्व रखता है। शाह अपने प्रचार में भाजपा कार्यकर्ताओं को संगठित और एकजुट करने पर जोर देंगे। उनका फोकस स्थानीय मुद्दों पर रहेगा, जिनमें किसानों की समस्याएं, आदिवासी अधिकार, और युवाओं के रोजगार से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। वे विपक्ष की कमियों को उजागर करते हुए भाजपा की योजनाओं को चुनावी मंच पर रखने का प्रयास करेंगे।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने झारखंड चुनाव में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को मैदान में उतारा है। कांग्रेस का उद्देश्य आदिवासी समुदाय और युवा मतदाताओं को आकर्षित करना है। राहुल गांधी अपनी रैलियों में भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कांग्रेस की योजनाओं पर चर्चा करेंगे। खड़गे भी अपने संबोधनों में राज्य के विकास, रोजगार और गरीबों के कल्याण पर जोर देंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार झारखंड का चुनाव केवल राजनीतिक दांव-पेंच का खेल नहीं, बल्कि राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के लिए भी अहम है। सभी प्रमुख दल अपने-अपने चुनावी वादों और योजनाओं को मतदाताओं के सामने रख रहे हैं।

इस तरह झारखंड का चुनावी मैदान एक बार फिर राजनीति का बड़ा अखाड़ा बन गया है, जहां बड़ी पार्टियों के नेता अपनी-अपनी ताकत और रणनीति दिखाने को तैयार हैं। जनता किसके साथ जाती है, इसका फैसला तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे, लेकिन फिलहाल झारखंड का माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुका है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।