Jamshedpur Bulldozer Action: करोड़ों का अवैध अपार्टमेंट ढहा, जानिए वजह

झारखंड के जमशेदपुर में करोड़ों के अवैध अपार्टमेंट को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। जानिए क्या थी वजह और कैसे हुआ पूरा खुलासा।

Jan 10, 2025 - 09:40
 0
Jamshedpur Bulldozer Action: करोड़ों का अवैध अपार्टमेंट ढहा, जानिए वजह
Jamshedpur Bulldozer Action: करोड़ों का अवैध अपार्टमेंट ढहा, जानिए वजह

झारखंड में प्रशासन ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए जमशेदपुर में करोड़ों की लागत से बन रहे अवैध अपार्टमेंट को ध्वस्त कर दिया। जमशेदपुर के मरीन ड्राइव स्थित 'प्रिया बाला हैरिटेज अपार्टमेंट' पर चार जेसीबी मशीनों के साथ बुलडोजर गरजता नजर आया। इस हाई-प्रोफाइल बुलडोजर ऐक्शन के पीछे की वजह बेहद चौंकाने वाली है।

क्या है पूरा मामला? प्रशासन के अनुसार, कदमा के उलियान में श्रीनाथ रेजिडेंसी कॉलोनी के पीछे सरकारी जमीन पर अवैध रूप से इस अपार्टमेंट का निर्माण किया जा रहा था। खाता नंबर 1217, प्लॉट नंबर 55/2797 और रकवा 25 डिसमिल में स्थित यह निर्माण बिना वैध दस्तावेजों के किया जा रहा था।

जमशेदपुर के अंचलाधिकारी मनोज कुमार और कार्यपालक दंडाधिकारी सुदिप्त राज के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई के दौरान अपार्टमेंट के आगे के हिस्से को गिरा दिया गया। शुक्रवार तक पूरा निर्माण गिराए जाने की संभावना है।

कैसे हुआ खुलासा? बिल्डर कुणाल सिंह ने अगस्त 2024 में इस निर्माण कार्य को शुरू किया था। सूचना मिलने पर प्रशासन ने तत्काल निर्माण कार्य रुकवा दिया और जेपीएलई केस संख्या 06-24/25 दर्ज किया। इसके बाद बिल्डर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से अस्थायी स्टे मिल गया।

हालांकि, बाद में सरकारी पक्ष को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने स्टे हटा दिया और बिल्डर को अंचल कार्यालय में पेश होकर जमीन के वैध दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए। जब बिल्डर ऐसा करने में असफल रहा, तो प्रशासन ने 28 दिसंबर 2024 को अपार्टमेंट गिराने का आदेश जारी किया।

फ्लैट बुक करने वालों का क्या होगा? इस कार्रवाई से फ्लैट बुक करने वाले लोग भी सकते में आ गए। एक खरीदार ने बताया कि उसने 1.20 करोड़ रुपये में फ्लैट बुक किया था और 20 लाख रुपये एडवांस दे चुके हैं। अब फ्लैट गिराए जाने के बाद उनकी रकम वापस मिलना मुश्किल हो गया है।

इतिहास में ऐसे कई मामले: झारखंड में अवैध निर्माण और सरकारी जमीनों पर कब्जे का इतिहास पुराना है। इससे पहले भी रांची, धनबाद और बोकारो में कई बार इसी तरह की कार्रवाइयां देखी गई हैं। वर्ष 2018 में रांची में सरकारी जमीन पर बने एक बड़े मॉल को गिराया गया था।

क्या सबक मिलता है? इस घटना से स्पष्ट है कि अवैध निर्माण में निवेश करने से पहले दस्तावेजों की पूरी जांच आवश्यक है। प्रशासन ने आम जनता को आगाह किया है कि फ्लैट बुक करने से पहले बिल्डर के कागजातों की पूरी जांच कर लें।

मौजूदा स्थिति: वर्तमान में अपार्टमेंट के मलबे को हटाने का कार्य जारी है और प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अवैध निर्माणों पर कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow