Jamshedpur Inspection: सरयू राय का जलमीनार पर सख्त रुख, अधिकारियों की लगाई क्लास

जमशेदपुर के मानगो में 24 लाख लीटर क्षमता वाले जलमीनार का विधायक सरयू राय ने निरीक्षण किया। विभागीय लापरवाही पर जताई नाराजगी। जानें इस परियोजना की पूरी कहानी।

Dec 5, 2024 - 12:59
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Jamshedpur Inspection: सरयू राय का जलमीनार पर सख्त रुख, अधिकारियों की लगाई क्लास
Jamshedpur Inspection: सरयू राय का जलमीनार पर सख्त रुख, अधिकारियों की लगाई क्लास

झारखंड के जमशेदपुर में एक बहुप्रतीक्षित परियोजना ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के मानगो में 24 लाख लीटर क्षमता वाले जलमीनार का निर्माण पूरा होने के बावजूद यह अभी तक चालू नहीं हो पाया है। गुरुवार को विधायक सरयू राय ने इस जलमीनार का निरीक्षण किया और विभागीय अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई।

जलमीनार: पांच साल से अधूरी उम्मीद

इस जलमीनार का शिलान्यास साल 2018 में सरयू राय द्वारा किया गया था, जब वे पश्चिम विधानसभा के विधायक थे। परियोजना का उद्देश्य मानगो क्षेत्र की बड़ी आबादी को पानी की किल्लत से राहत दिलाना था।

हालांकि, 2019 के सियासी घटनाक्रम के बाद स्थिति बदल गई। सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़कर जीत हासिल की, और इस क्षेत्र से बन्ना गुप्ता विधायक बने। बन्ना गुप्ता राज्य के मंत्री पद पर रहते हुए भी इस परियोजना को चालू नहीं करा सके।

सरयू राय का निरीक्षण: अधिकारियों को मिली चेतावनी

निरीक्षण के दौरान सरयू राय ने अधिकारियों से सवाल-जवाब किए और लापरवाही के लिए फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि इस जलमीनार को जल्द से जल्द चालू किया जाए।
विधायक ने कहा:
"इस जलमीनार के चालू होने से मानगो क्षेत्र की हजारों परिवारों को पानी की समस्या से छुटकारा मिलेगा। लेकिन विभागीय लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ने इस परियोजना को अधर में लटका दिया है।"

उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर अब भी लापरवाही जारी रही तो उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।

पानी की समस्या: मानगो की पुरानी कहानी

झारखंड में पानी की समस्या नई नहीं है। जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्रों में पानी की कमी लंबे समय से बड़ी चुनौती रही है। 90 के दशक में मानगो क्षेत्र में जल आपूर्ति के लिए छोटे-छोटे जलमीनार बने, लेकिन बढ़ती जनसंख्या और संसाधनों की कमी के कारण ये परियोजनाएं नाकाफी साबित हुईं।

सरयू राय के प्रयासों से 2018 में इस बड़ी जलमीनार की योजना शुरू हुई, लेकिन सरकार और विभागीय उदासीनता के कारण परियोजना पूरी होने के बावजूद चालू नहीं हो सकी।

परियोजना में देरी: जिम्मेदार कौन?

  1. विभागीय लापरवाही:
    परियोजना का काम 2019 के बाद धीमा पड़ गया। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और जल विभाग की लापरवाही मुख्य रूप से जिम्मेदार है।

  2. राजनीतिक उपेक्षा:
    बन्ना गुप्ता के कार्यकाल के दौरान इस परियोजना पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते जनता को बड़ी उम्मीद के बावजूद कोई राहत नहीं मिली।

  3. संसाधनों की कमी:
    झारखंड में जल प्रबंधन को लेकर कई परियोजनाएं केवल कागजों में सिमट कर रह जाती हैं।

जलमीनार चालू होने का महत्व

यह जलमीनार चालू होने से मानगो के हजारों परिवारों को नियमित जल आपूर्ति मिल सकेगी।

  • पानी की किल्लत का समाधान:
    क्षेत्र के लोग लंबे समय से पानी की कमी से परेशान हैं।
  • स्वच्छ जल आपूर्ति:
    स्थानीय निवासियों को पीने का साफ और सुरक्षित पानी मिलेगा।
  • स्वास्थ्य समस्याओं में कमी:
    नियमित जल आपूर्ति से गंदे पानी से होने वाली बीमारियों में कमी आएगी।

भविष्य की दिशा: क्या बदलेगा?

सरयू राय की इस पहल के बाद उम्मीद की जा रही है कि यह परियोजना जल्द ही चालू होगी। अगर ऐसा होता है, तो यह क्षेत्र के लिए एक बड़ी राहत होगी।

विधायक ने यह भी कहा कि इस तरह की परियोजनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जनता को सुविधाएं देना जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।

सरयू राय का यह निरीक्षण न केवल विभागीय अधिकारियों के लिए चेतावनी है, बल्कि यह जनता के लिए एक उम्मीद की किरण भी है। जलमीनार चालू होने से मानगो क्षेत्र की पानी की समस्या का समाधान होगा। अब देखना यह है कि अधिकारियों की यह नींद कितनी जल्दी टूटती है और यह परियोजना जनता के लिए कब उपलब्ध होती है।

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