Jamshedpur Action: बुलडोजर चला, 70 घरों को ध्वस्त किया, सुरक्षाबलों की तैनाती
झारखंड के जमशेदपुर में आदित्यपुर में रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान में 70 घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। जानें क्या था पूरा मामला और प्रशासन की योजना।
जमशेदपुर: झारखंड के आदित्यपुर इलाके में मंगलवार को रेलवे प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 70 घरों को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया। यह कार्रवाई शर्मा बस्ती में रेल लाइन के किनारे बसे अवैध घरों के खिलाफ की गई थी। इस अतिक्रमण हटाओ अभियान में भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया, जिनमें आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) और स्थानीय पुलिस शामिल थी।
क्या था अतिक्रमण हटाने का कारण?
रेलवे प्रशासन का कहना है कि बस्ती के लोग वर्षों से अवैध रूप से रेल लाइन के किनारे रह रहे थे। रेलवे की तरफ से इन लोगों को पहले ही नोटिस जारी कर यह सूचित किया गया था कि उन्हें अपनी आवासीय जगह खाली करनी होगी। बावजूद इसके, अतिक्रमण जारी रहा, जिसके बाद रेलवे ने यह कठोर कदम उठाया।
सुरक्षात्मक उपायों के तहत, प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि इस अभियान के दौरान किसी भी प्रकार का विरोध न हो। इसके लिए पुलिस और आरपीएफ के साथ महिला पुलिस भी तैनात की गई थी।
अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया
रेलवे प्रशासन ने एक सप्ताह पहले बस्ती के लोगों को नोटिस जारी कर दिया था, जिसमें उन्हें अपने घरों को खाली करने का निर्देश दिया गया था। मंगलवार को संजय कुमार गुप्ता, जो कि रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर हैं, के नेतृत्व में यह अभियान शुरू हुआ। पुलिस और आरपीएफ के जवानों ने बस्ती में पहुंचकर बिना किसी बाधा के अतिक्रमण हटाया।
बस्ती के अधिकांश लोग पहले ही अपने सामान को सुरक्षित कर चुके थे, जिससे प्रशासन को किसी भी प्रकार के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। इन घरों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया और इलाके को अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया।
रेलवे की नई योजना: ट्रैक पर होगा सुधार
यह अभियान सिर्फ शर्मा बस्ती तक सीमित नहीं रहेगा। रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि आने वाले दिनों में चक्रधरपुर रेल मंडल के आदित्यपुर स्टेशन और आरआईटी रेलवे पुल से लेकर लगभग 800 मीटर तक के इलाके में अतिक्रमण हटाने की योजना है। इस स्थान पर रेल ट्रैक रेलिंग मशीन भी स्थापित की जाएगी, जिससे ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाई जा सकेगी।
क्यों जरूरी था यह कदम?
रेलवे द्वारा यह कदम उठाए जाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि पूर्व में भी शर्मा बस्ती में अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया था। लेकिन इसके बावजूद यहां अवैध निर्माण जारी रहा, जो रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता था। रेल प्रशासन ने इसे एक सुरक्षा जोखिम मानते हुए यह कठोर कदम उठाया।
क्या भविष्य में कोई बदलाव होगा?
अब सवाल यह उठता है कि क्या आने वाले दिनों में इस प्रकार के अतिक्रमण हटाओ अभियान और भी क्षेत्रों में लागू होंगे? क्या रेलवे और प्रशासन इस कदम से अवैध निर्माणों को पूरी तरह से रोक पाएंगे? यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या लोग अब रेल प्रशासन की चेतावनी का पालन करते हैं, या फिर उन्हें और भी कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
आपके विचार क्या हैं? क्या रेलवे प्रशासन का यह कदम सही था? क्या इस तरह के अभियान को और भी बढ़ाना चाहिए? हमें अपनी राय जरूर दें।
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