Jamshedpur Election: जमशेदपुर में स्ट्रांग रूम की कड़ी सुरक्षा, हर कदम पर निगरानी
जमशेदपुर चुनाव के बाद स्ट्रांग रूम की सुरक्षा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। जानिए कैसे प्रशासन हर कदम पर सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है।
जमशेदपुर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद, अब तक की सबसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिल रही है। बिस्टुपुर स्थित कोऑपरेटिव कॉलेज भवन को स्ट्रांग रूम के रूप में स्थापित किया गया है, जहां पर 6 विधानसभा क्षेत्रों के ईबीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवी पैड (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) रखे गए हैं। इस सुरक्षा व्यवस्था के तहत, ना सिर्फ स्ट्रांग रूम की बाहरी सुरक्षा पारा मिलेटरी के हवाले की गई है, बल्कि हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।
स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की उच्चतम व्यवस्था
स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कड़ी सावधानियां बरती हैं। हर कमरे की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की जा रही है, और यहां तक कि किसी भी प्रत्याशी या उनके प्रतिनिधि को कभी भी सीसीटीवी की स्थिति देखने का पूरा अधिकार है। इसी के चलते, जिला प्रशासन ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पूरी निगरानी व्यवस्था को मज़बूत किया है।
जिला अधिकारियों का निरिक्षण
जिला के डीसी अनन्य मित्तल और एसएसपी किशोर कौशल ने कई बार स्ट्रांग रूम का निरीक्षण किया है। दोनों अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि स्ट्रांग रूम में दो लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनहोनी को टाला जा सके। डीसी मित्तल ने यह भी कहा कि हर प्रत्याशी को इस सुरक्षा व्यवस्था के बारे में पूरी जानकारी दी जा चुकी है और उन्हें यह अधिकार है कि वे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से स्ट्रांग रूम की निगरानी कर सकें।
स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए पैरा मिलेटरी की तैनाती
जमशेदपुर में सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन ने पारा मिलेटरी बलों को तैनात किया है। यह कदम किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए उठाया गया है। एसएसपी किशोर कौशल ने भी सुरक्षा के बारे में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि समय-समय पर गश्त की जा रही है और बिना पास के किसी भी व्यक्ति को स्ट्रांग रूम के पास भी जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
क्या है स्ट्रांग रूम की अहमियत?
स्ट्रांग रूम का महत्व चुनावी प्रक्रिया में अत्यधिक है, क्योंकि इसमें वोटिंग मशीनों को सुरक्षित रखा जाता है। यदि किसी भी तरह की गड़बड़ी या मिलावट होती है, तो चुनाव परिणाम पर गंभीर असर पड़ सकता है। यही वजह है कि प्रशासन ने इस बार सुरक्षा को और भी कड़ा कर दिया है। चुनाव के बाद स्ट्रांग रूम को तीन दिन तक बंद रखा जाता है, और इस दौरान किसी भी प्रकार की जांच या हस्तक्षेप की अनुमति नहीं होती।
प्रशासन की पारदर्शिता को लेकर जनता में विश्वास
यह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन द्वारा की गई निगरानी को लेकर अब तक कोई भी विरोध नहीं है। प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधि पूरी तरह से इस व्यवस्था से संतुष्ट हैं और प्रशासन की पारदर्शिता पर विश्वास व्यक्त कर रहे हैं।
आने वाले चुनावों में क्या होगा?
जमशेदपुर चुनाव की इस प्रक्रिया को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त किया जा चुका है कि सब कुछ निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगा। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा और निगरानी पर लगातार ध्यान देने से यह सुनिश्चित हो गया है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके। आने वाले चुनावों में भी ऐसी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की उम्मीद की जा सकती है, ताकि चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह से सुरक्षित और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराया जा सके।
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