Jamshedpur Fire System: जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में एक्सपायर फायर सिस्टम, झाँसी जैसी घटना का खतरा!
जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में एक्सपायर फायर सिस्टम की वजह से जान का खतरा। क्या अस्पताल प्रशासन को यह हादसा झाँसी जैसी घटना बनने से पहले कोई कदम उठाएगा?
झाँसी मेडिकल कॉलेज में हुई दर्दनाक घटना के बाद अब कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल, एमजीएम अस्पताल, सुर्खियों में है। जहां एक तरफ मरीजों और उनके परिवारों में डर का माहौल है, वहीं अस्पताल प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है। एमजीएम अस्पताल के फायर सिस्टम की स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि सभी वार्डों में लगे फायर सिस्टम की वैधता समाप्त हो चुकी है। यह स्थिति स्पष्ट रूप से अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, और यदि जल्द ही इसे ठीक नहीं किया गया, तो यह झाँसी जैसी घटना को दावत दे सकता है।
शिशु वार्ड में बढ़ा हुआ डर
झाँसी में हुई आगजनी में 10 बच्चों की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। और अब, एमजीएम अस्पताल में भर्ती नवजात बच्चों के माता-पिता भी उसी भय का सामना कर रहे हैं। शिशु वार्ड में भर्ती एक माँ ने बताया कि उन्हें यह डर सताता है कि यदि अस्पताल में कोई घटना घटित होती है, तो वे अपने बच्चों को कैसे बचा पाएंगे। अस्पताल के फायर सिस्टम के एक्सपायर होने के बाद, यह सवाल उठता है कि क्या एमजीएम अस्पताल अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है, और क्या यहां की सुरक्षा व्यवस्था बच्चों और अन्य मरीजों के लिए पर्याप्त है?
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश
जब इस मुद्दे पर अस्पताल के अधीक्षक से बात करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कैमरे के सामने कोई भी बयान देने से साफ इनकार कर दिया। हालांकि, बिना कैमरे के उन्होंने कहा कि उन्होंने मामले की जानकारी प्राप्त की है और जल्द ही फायर सिस्टम को दुरुस्त करवा दिया जाएगा। लेकिन इस जवाब से यह सवाल उठता है कि अस्पताल प्रशासन को इतनी बड़ी समस्या की जानकारी पहले क्यों नहीं थी, और जब तक इसे ठीक किया जाएगा, तब तक कितनी जानें जोखिम में हैं?
झाँसी की घटना से सबक लेने की आवश्यकता
यूपी के झाँसी मेडिकल कॉलेज में हुई आगजनी की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस हादसे में 10 बच्चों की जलने से मौत हो गई थी और 40 बच्चों को खिड़की तोड़कर बाहर निकाला गया। इस घटना ने साबित कर दिया कि किसी भी अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्थाओं का न होना या नष्ट हो चुकी प्रणालियां मरीजों और उनके परिवारों के लिए घातक साबित हो सकती हैं। एमजीएम अस्पताल में फायर सिस्टम का एक्सपायर होना, इसी खतरे का संकेत दे रहा है। अगर जल्द ही सुधारात्मक कदम नहीं उठाए जाते हैं, तो यह अस्पताल झाँसी जैसी त्रासदी को न्योता दे सकता है।
क्या एमजीएम अस्पताल के मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी?
जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल के मरीज और उनके परिजन अब एक अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं। अस्पताल की सुरक्षा में खामियां होने के कारण उनके जीवन को जोखिम में डालना बहुत ही गंभीर मामला है। मरीजों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के बजाय, अस्पताल प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया है। यदि इस गंभीर मुद्दे को समय रहते हल नहीं किया गया, तो यह स्वास्थ्य संकट न केवल जमशेदपुर, बल्कि पूरे कोल्हान क्षेत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
प्रशासन को अब जागना होगा!
अब समय आ गया है कि जमशेदपुर प्रशासन और अस्पताल प्रशासन इस गंभीर मसले को हल करने के लिए तुरंत कदम उठाएं। शिशु वार्ड और अन्य वार्डों के फायर सिस्टम को जल्द ही दुरुस्त किया जाए, ताकि भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके। स्वास्थ्य सुरक्षा और मरीजों की जान सबसे महत्वपूर्ण है, और यह जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की है।
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