जमशेदपुर में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पखवाड़ा के तहत अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इसमें दूध में मिलावट और सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान पंचायत के सदस्यों ने अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
दूध में मिलावट का मुद्दा: उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर खतरा
ग्राहक पंचायत की झारखंड उपाध्यक्ष ऐंजिल उपाध्याय ने दूध में मिलावट पर विशेष ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि मिलावटी दूध उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है और इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। भारत में दूध की खपत अधिक होने के कारण, इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करना जरूरी है।
दूध में मिलावट का इतिहास काफी पुराना है। 1960 के दशक में मिलावट के कारण स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ी थीं। इसके बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए, लेकिन आज भी यह समस्या बनी हुई है।
सिंगल यूज प्लास्टिक: पर्यावरण के लिए चुनौती
पंचायत की पर्यावरण आयाम प्रमुख अनिता शर्मा ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रहा है।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का मुद्दा कई सालों से चर्चा में है। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके खिलाफ कदम उठाने की अपील की थी, लेकिन अभी भी इसका उपयोग पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है।
ग्राहक जागरूकता: पंचायत की बड़ी पहल
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत 1974 से उपभोक्ता जागरूकता पर काम कर रही है। इस बार, राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पखवाड़ा के तहत पंचायत ने समाज की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की।
जिलाध्यक्ष पप्पू सिंह, जिला सचिव शंभू जायसवाल, और अन्य सदस्यों ने एसडीओ से मुलाकात कर यह सुनिश्चित किया कि उपभोक्ता जागरूकता के लिए पंचायत हमेशा तैयार है।
प्लास्टिक और मिलावट: क्या कहता है इतिहास?
भारत में उपभोक्ता अधिकारों की शुरुआत 1986 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम से हुई। प्लास्टिक और खाद्य मिलावट पर 1990 के दशक में जागरूकता बढ़ी। लेकिन इन समस्याओं का समाधान आज भी चुनौती बना हुआ है।
प्लास्टिक पर प्रतिबंध और दूध की शुद्धता सुनिश्चित करना न केवल प्रशासन, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। जागरूकता अभियान से इन समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
अनुमंडल पदाधिकारी का आश्वासन
एसडीओ ने पंचायत द्वारा उठाए गए मुद्दों की सराहना की और पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान प्रशासन और समाज के संयुक्त प्रयासों से ही संभव है।
समस्याओं के समाधान के लिए जरूरी कदम
- दूध की गुणवत्ता जांच: प्रत्येक जिले में नियमित जांच केंद्र स्थापित हों।
- प्लास्टिक का विकल्प: जूट और कपड़े के बैग का उपयोग बढ़ाना।
- जागरूकता अभियान: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम।
जमशेदपुर में उठाए गए मुद्दे न केवल स्थानीय, बल्कि राष्ट्रीय महत्व के हैं। ग्राहक पंचायत का यह कदम इन समस्याओं को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।