भारत बनेगा दुनिया का दूध सुपरपावर: अमूल के एमडी जयेन मेहता की बड़ी घोषणा
अमूल के एमडी जयेन मेहता ने एक्सएलआरआई में कहा कि अगले 10 वर्षों में भारत दुनिया की दूध जरूरतों का एक तिहाई उत्पादन करेगा। जानें कैसे डॉ वर्गिस कुरियन का विजन देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
जमशेदपुर, 5 अक्टूबर 2024: एक्सएलआरआई जमशेदपुर में आयोजित 11वें डॉ वर्गिस कुरियन मेमोरियल ऑरेशन के दौरान अमूल के एमडी सह गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के प्रमुख जयेन मेहता ने अपनी प्रेरणादायक बातें साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे भारत दूध उत्पादन में दुनिया में अग्रणी बना हुआ है और कैसे आने वाले 10 वर्षों में भारत दुनिया की दूध जरूरतों का एक तिहाई उत्पादन करने के लिए तैयार है।
दुग्ध क्रांति के जनक को श्रद्धांजलि
शुक्रवार को हुए इस कार्यक्रम में डॉ वर्गिस कुरियन, जिन्हें 'दुग्ध क्रांति के जनक' कहा जाता है, को याद किया गया। उनके योगदान से ग्रामीण भारत के लाखों लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। जयेन मेहता ने कहा, "डॉ कुरियन के बारे में बोलना सूरज को दिया दिखाने जैसा है। उनके विजन ने देश के दूध उत्पादन में क्रांति ला दी और लाखों किसानों को अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर दिया।"
भारत बनेगा डेयरी सुपरपावर
जयेन मेहता ने कहा, "भारत 1997 से दुनिया में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश रहा है। आज भारत दुनिया की दूध जरूरतों का 24 प्रतिशत उत्पादन करता है, और अगले 10 वर्षों में यह आंकड़ा बढ़कर एक तिहाई हो जाएगा। अमूल हर दिन 310 लाख लीटर से ज्यादा दूध एकत्र करता है और 36 लाख से ज्यादा किसानों के स्वामित्व वाली इस सहकारी कंपनी का कारोबार अब 80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है।"
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि डेयरी सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत के लिए एक जीवन रेखा है। इसके जरिए लाखों किसानों को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलता है और यह सहकारी मॉडल उन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रभाव से बचाने में मदद करता है।
अमूल की अंतरराष्ट्रीय उड़ान
जयेन मेहता ने इस कार्यक्रम में इस बात का भी उल्लेख किया कि अमूल ने हाल ही में अमेरिका में अपना प्रवेश किया है और इसे बहुत सफलता मिली है। अब अमूल यूरोपियन बाजार में भी प्रवेश करने के लिए तैयार है, जो ब्रांड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण साबित होगा।
उन्होंने कहा, "अमूल लगातार अपने उत्पादों को प्रोटीन युक्त, जैविक और रसायन-मुक्त बनाने पर ध्यान दे रहा है, ताकि ग्राहक उस पर भरोसा कर सकें। यह सब डॉ कुरियन द्वारा स्थापित पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर किया जाता है। अगर भारत दुनिया को कोई उपहार दे सकता है, तो वह सहकारी कार्य प्रणाली होगी।"
सोशल इंटरप्रेन्योरशिप की दिशा में प्रेरणा
जयेन मेहता ने एक्सएलआरआई के छात्रों से आह्वान किया कि वे सोशल इंटरप्रेन्योरशिप की दिशा में कदम बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि देश की 70 प्रतिशत आबादी की उम्र 30 वर्ष से कम है और यह यंग वर्कफोर्स देश को हर क्षेत्र में आगे ले जा सकती है। उनके अनुसार, "भारत अभी अपने सबसे अच्छे दौर से गुजर रहा है। अगर युवा सही दिशा में काम करें, तो हर क्षेत्र में भारत अव्वल हो सकता है।"
डॉ कुरियन का दृष्टिकोण
इस अवसर पर एक्सएलआरआई के डीन एडमिन फादर डोनाल्ड डिसिल्वा और डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज ने भी डॉ कुरियन के योगदान को सराहा। फादर डिसिल्वा ने कहा, "डॉ कुरियन आत्मनिर्भर भारत बनाने के सबसे बड़े ब्रांड अंबेसडर थे।" वहीं, फादर जॉर्ज ने कहा कि डॉ कुरियन की भूमिका ने भारत के गांवों की महिलाओं को सशक्त बनाने और कुपोषण को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
निर्मला कुरियन ने साझा किए पिता के विचार
इस कार्यक्रम में डॉ वर्गिस कुरियन की बेटी निर्मला कुरियन भी शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने गरीब और अमीर के बीच के फासले को मिटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। निर्मला ने कहा, "जीवन अनमोल है, इसे गलत चीजों में नष्ट नहीं करना चाहिए। हमें अपने टैलेंट का सबसे अच्छा इस्तेमाल करना चाहिए और हमेशा बड़ा सोचना चाहिए। लेकिन इसमें सिर्फ अपना और अपने परिवार का नहीं, बल्कि पूरे देश का उत्थान भी छिपा होना चाहिए।"
डॉ कुरियन का सहकारी मॉडल
जयेन मेहता ने इस मौके पर बताया कि डॉ कुरियन का दृष्टिकोण सिर्फ अमूल के लिए नहीं था, बल्कि हर राज्य का अपना ब्रांड होने का था, जैसे आईपीएल मॉडल। उन्होंने कहा, "अमूल से प्रेरित इन ब्रांड्स का मुख्य उद्देश्य किसानों का समर्थन करना और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बाहर रखना है। इसी सहकारी मॉडल ने आज अमूल को इतना मजबूत बनाया है।"
अमूल के एमडी जयेन मेहता ने स्पष्ट किया कि डेयरी सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत के लिए एक जीवन रेखा है। यह सहकारी मॉडल किसानों को सशक्त बनाता है और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाता है। डॉ कुरियन का विजन आज भी जीवंत है और यह न केवल भारत को बल्कि दुनिया को भी सहकारी कार्य प्रणाली का उपहार देने की दिशा में काम कर रहा है।
भारत का भविष्य उज्ज्वल है, और अगर हम सभी डॉ कुरियन के विजन और जयेन मेहता के प्रेरणादायक शब्दों से सीख लें, तो निश्चित रूप से हम दुनिया में एक नई पहचान बना सकते हैं।
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