गुवा रेलवे साइडिंग में लौह अयस्क तस्करी का बड़ा खुलासा: राजनीतिक संरक्षण के साए में!

गुवा रेलवे साइडिंग में लौह अयस्क की तस्करी का मामला सामने आया है। जानिए कैसे बड़ी हस्तियां और एक दबंग राजनेता इस खेल में शामिल हैं।

Oct 3, 2024 - 20:46
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गुवा रेलवे साइडिंग में लौह अयस्क तस्करी का बड़ा खुलासा: राजनीतिक संरक्षण के साए में!
गुवा रेलवे साइडिंग में लौह अयस्क तस्करी का बड़ा खुलासा: राजनीतिक संरक्षण के साए में!

गुवा, 03 अक्टूबर 2024: गुवा रेलवे साइडिंग के लाइन नंबर 5 और 6, साथ ही बड़ाजामदा रेलवे साइडिंग की साफ-सफाई के नाम पर एक बड़े तस्करी खेल का खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, जमशेदपुर के विनय पंकज, अमर सिंह और कुछ अन्य बड़ी हस्तियां इस खेल में शामिल हैं। इन सभी को एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती का आशीर्वाद प्राप्त है।

लौह अयस्क की तस्करी का खेल

जानकारी के अनुसार, गुवा और बड़ाजामदा रेलवे साइडिंग से सेल, टाटा स्टील समेत कई बंद खदानों से लौह अयस्क की ढुलाई होती रही है। वर्षों से इन खदानों से लम्प, फाइन्स, ब्लू डस्ट जैसे लौह अयस्क रेलवे साइडिंग में लाए जाते रहे हैं। जब रैक लोड होते हैं, तो अयस्क अलग-अलग ग्रेड और रूप में लाइन किनारे जमा होता है।

विभिन्न जानकारों का कहना है कि यह कीमती खनिज सम्पत्ति है। अगर रेलवे की लाइन अयस्क से भरी हुई थी, तो सफाई के नाम पर जो कार्य ठेकेदार को आवंटित किया गया, उसमें अयस्क का भंडारण सुरक्षित स्थान पर करना चाहिए था। फिर उसका वास्तविक वजन करके उसकी नीलामी की जानी चाहिए थी। इससे सरकार के खजाने में करोड़ों रुपये आ सकते थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, और माफिया गिरोह को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब खेल किया गया।

सीमावर्ती राज्यों में भी तस्करी की योजना

जानकारी मिली है कि बड़े अयस्क माफिया केवल गुवा और बड़ाजामदा में नहीं, बल्कि झारखंड-ओडिशा सीमावर्ती राज्यों में भी रेलवे साइडिंग से लौह अयस्क की तस्करी की योजना बना रहे हैं। जहां-जहां रेलवे का ब्रिज है, वहां भी अयस्क लोड करने का काम हो रहा है।

पूर्व विधायक का बयान

पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह झारखंड से खनिज सम्पदा की चोरी का नया खेल है। उन्होंने मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय और न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हम रेलवे साइडिंग की सफाई मुफ्त में करने को तैयार हैं। हमें यह मौका दें और देखें कि अयस्क कहां गया है।”

बोबोंगा ने सरकार और रेलवे से यह भी अनुरोध किया कि खदान क्षेत्र की सफाई का काम उन्हें दिया जाए। इससे क्षेत्र में बेरोजगारी कम होगी और नदी-नाले भी साफ रहेंगे।

यह मामला न केवल स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी इसका गहरा असर पड़ेगा। अधिकारियों को इस खेल की जांच करते हुए सख्ती से कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में इस प्रकार के अपराधों को रोका जा सके।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।