Hazaribagh Bridge Collapsed: पांच साल में दूसरी बार धंसा पुल, भ्रष्टाचार की पोल खुली!

हजारीबाग के पदमा में केवटा नदी पर बना पुल पांच साल में दूसरी बार धंस गया। स्थानीय लोगों ने आवागमन रोका, जानिए कैसे भ्रष्टाचार ने पुल को गिरा दिया।

Mar 26, 2025 - 18:00
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Hazaribagh Bridge Collapsed: पांच साल में दूसरी बार धंसा पुल, भ्रष्टाचार की पोल खुली!
Hazaribagh Bridge Collapsed: पांच साल में दूसरी बार धंसा पुल, भ्रष्टाचार की पोल खुली!

झारखंड के हजारीबाग जिले के पदमा प्रखंड में एक बार फिर भ्रष्टाचार का भयानक चेहरा सामने आया है। केवटा नदी पर बना पुल पांच साल में दूसरी बार धंस गया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। रोमी बंगला फोरलेन सड़क के पास यह पुल पहले भी ढह चुका था, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

कैसे हुआ पुल का अचानक धंसना?

स्थानीय लोगों के अनुसार, पुल की सतह अचानक टूटने लगी और देखते ही देखते कंक्रीट उखड़ गया। पुल के लोहे के सरिए बाहर निकल आए, जिससे उसके पूरी तरह गिरने का खतरा बढ़ गया। दुर्घटना की आशंका को देखते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत पुल पर आवागमन बंद कर दिया

पांच साल में दो बार क्यों गिरा पुल?

इस पुल का निर्माण 2019-20 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के दिशा-निर्देश पर रामकी कंपनी ने किया था। लेकिन पांच साल के भीतर ही यह पुल दूसरी बार धंस गया, जिससे निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार का संदेह मजबूत हो गया है।

क्या पिछली बार भी इसी तरह धंसा था पुल?

हां! कुछ साल पहले भी इस पुल में दरारें आई थीं और इसकी सतह धंस गई थी। लेकिन उस समय मरम्मत कर मामले को दबा दिया गया। अब दूसरी बार पुल गिरने से प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार उजागर हो गया है

भ्रष्टाचार की बड़ी साजिश?

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया।

  • कंक्रीट की गुणवत्ता खराब थी।

  • सरियों में सही तरह से वेल्डिंग नहीं की गई थी।

  • बारिश और भारी वाहनों के कारण पुल में कमजोरियां आ गई थीं।

लेकिन प्रशासन और ठेकेदारों की मिलीभगत से पुल को दोबारा मजबूत करने के बजाय सिर्फ लीपापोती कर दी गई।

अब लोगों को हो रही भारी दिक्कतें!

पुल धंसने से अब स्थानीय लोगों को कई किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाकर सफर तय करना पड़ रहा है। यह पुल हजारीबाग से रामगढ़ और रांची जाने वाले वाहनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। अब इसे बंद करने से हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं

सरकार और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल?

इस पुल के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे, लेकिन घटिया सामग्री और भ्रष्टाचार के कारण यह महज पांच साल में ही ढह गया। सवाल उठता है कि –

  • आखिर इतनी बड़ी लापरवाही पर सरकार और प्रशासन चुप क्यों है?

  • ठेकेदार और निर्माण कंपनी पर कोई कार्रवाई होगी या नहीं?

  • क्या यह पुल फिर से इसी घटिया तकनीक से बनाया जाएगा?

अब क्या होगा?

स्थानीय लोग इस मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अगर समय रहते पुल की मरम्मत और पुनर्निर्माण सही ढंग से नहीं हुआ, तो भविष्य में यह पुल और भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है

हजारीबाग का यह पुल भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण बन चुका है। सरकार और प्रशासन को अब कड़े कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में लोगों की जान खतरे में न पड़े। सवाल यह है कि क्या दोषियों पर कोई कार्रवाई होगी या फिर मामला फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

क्या आपको लगता है कि सरकार को इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए? हमें कमेंट में बताएं!

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।