Godda Crime: बालू घाट पर छापेमारी करने गए CO को बालू माफियाओं ने बनाया बंधक

गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी में छापेमारी के दौरान बालू माफियाओं ने सीओ को 3 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। पुलिस की मदद से सीओ को छुड़ाया गया। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया।

Dec 18, 2024 - 19:20
Dec 18, 2024 - 19:31
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Godda Crime: बालू घाट पर छापेमारी करने गए CO को बालू माफियाओं ने बनाया बंधक
Godda Crime: बालू घाट पर छापेमारी करने गए CO को बालू माफियाओं ने बनाया बंधक

झारखंड के गोड्डा जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सुंदरपहाड़ी थाना क्षेत्र के धमनी नदी के पास बालू माफियाओं ने सीओ (अंचलाधिकारी) को तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा। यह घटना मंगलवार की है, जब सीओ प्रकाश बेसरा अवैध बालू खनन के खिलाफ छापेमारी करने गए थे।

कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?

मंगलवार को दोपहर करीब 12 बजे सीओ प्रकाश बेसरा अवैध बालू खनन पर कार्रवाई के लिए धमनी नदी पहुंचे। उन्होंने चार ट्रैक्टरों को जब्त कर लिया, जिन पर अवैध रूप से बालू ले जाया जा रहा था।

लेकिन तभी बालू माफिया और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में वहां इकट्ठा हो गए और हंगामा करने लगे। हंगामे के दौरान उन्होंने जब्त ट्रैक्टरों को छुड़ा लिया और सीओ को बंधक बना लिया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही सुंदरपहाड़ी थाना की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सीओ को रिहा करवाया। सीओ ने सुंदरपहाड़ी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें छह लोगों को नामजद किया गया है और 40 अज्ञात लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने और मारपीट का आरोप लगाया गया है।

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप:

घटना के बाद ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए।

  • ग्रामीणों का कहना है कि सीओ ने जब्त ट्रैक्टरों को जानबूझकर छोड़ दिया
  • उनका दावा है कि यह "सेटिंग-गेटिंग" का हिस्सा है, जिसमें अवैध कारोबारियों और अधिकारियों के बीच साठगांठ होती है।
  • उन्होंने इस मामले की गहराई से जांच की मांग की है।

अवैध बालू खनन का काला सच:

झारखंड में अवैध बालू खनन लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है।

  • काला कारोबार:
    राज्य के विभिन्न जिलों में बालू माफिया सक्रिय हैं, जो नदियों से अवैध खनन कर सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुंचाते हैं।
  • हिंसा का इतिहास:
    बालू खनन माफियाओं का दुस्साहस नया नहीं है। इससे पहले भी सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:
    अवैध खनन से पर्यावरण को तो नुकसान होता ही है, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रभावित होते हैं।

झारखंड में बालू माफिया का आतंक:

झारखंड जैसे खनिज संपन्न राज्य में बालू माफिया का नेटवर्क बेहद मजबूत है।

  • गोड्डा का इतिहास:
    गोड्डा जिला अवैध खनन के मामलों के लिए कुख्यात रहा है। इससे पहले भी यहां खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई के दौरान अधिकारियों पर हमले हो चुके हैं।
  • सरकार और प्रशासन की भूमिका:
    सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए कई सख्त कानून बनाए हैं, लेकिन इनका सही तरीके से पालन नहीं हो पाता।

सीओ ने क्या कहा?

सीओ प्रकाश बेसरा ने कहा, “हमने बालू खनन के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस दौरान माफियाओं ने हमें बंधक बना लिया। पुलिस ने समय रहते हमें छुड़ा लिया। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

अधिकारियों की बैठक:

इस घटना के बाद गोड्डा जिले के अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई गई।

  • अधिकारियों ने अवैध खनन के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया।
  • पुलिस ने घटना में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

ग्रामीण और माफिया के गठजोड़ की चर्चा

घटना के बाद इलाके में चर्चा है कि माफिया और कुछ ग्रामीणों के बीच गठजोड़ हो सकता है। इस तरह के गठजोड़ के कारण प्रशासन को कार्रवाई करने में मुश्किलें होती हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

  • पर्यावरणविद:
    अवैध खनन नदियों की जलधारा को नुकसान पहुंचाता है और इससे कृषि भूमि पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • कानूनी विशेषज्ञ:
    ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि माफियाओं का दुस्साहस किस हद तक बढ़ चुका है। प्रशासन को कार्रवाई तेज करनी होगी।

गोड्डा में हुई यह घटना झारखंड में अवैध खनन की गहराई को उजागर करती है। बालू माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।