Jamshedpur Kavi Sammelan: सुरभि के मंच से गूंजा हास्य का रंग, जमकर हंसे अर्जुन मुंडा!
जमशेदपुर में सुरभि संस्था द्वारा आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में ठहाकों की गूंज! अर्जुन मुंडा और अन्य अतिथियों ने हास्य कविताओं का जमकर लुत्फ उठाया। पढ़ें पूरी खबर!

जमशेदपुर में सुरभि संस्था द्वारा आयोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में हंसी की जबरदस्त गूंज सुनाई दी। देशभर से आए कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को हंसी के समंदर में डुबो दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और मीरा मुंडा भी कवियों की व्यंग्यात्मक रचनाओं पर जमकर ठहाके लगाते नजर आए।
रविंद्र भवन में रंगीन हुआ सुरभि का हास्य कवि सम्मेलन
होली के पावन अवसर पर साकची स्थित रविंद्र भवन में सुरभि संस्था के सौजन्य से इस भव्य हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विनीत चौहान (राजस्थान), बुद्धि प्रकाश दाधिच (राजस्थान), सुदीप भोला (मध्यप्रदेश), रमेश विश्वहार, हेमंत पांडे (उत्तर प्रदेश), और मनु वैशाली (मध्यप्रदेश) जैसे दिग्गज कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।
कार्यक्रम का संचालन त्रिपुरा झा ने किया, जबकि सुरभि संस्था के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद दोदराजका अग्रवाल ने स्वागत भाषण और धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम की खास बात यह रही कि सभी कवियों और अतिथियों को राजस्थानी परंपरा के तहत पगड़ी, चादर और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
कवियों के व्यंग्य और ठहाकों की बारिश
इस कवि सम्मेलन में राजनीति, समाज और आम जीवन से जुड़े मुद्दों पर कवियों ने खूब व्यंग्य किए। कवियों ने झारखंड-बिहार की राजनीति से लेकर दिल्ली की सत्ता तक को आड़े हाथों लिया। भाजपा पर भी कई तंज कसे गए, जिन पर अर्जुन मुंडा खुद भी खूब हंसते नजर आए।
सुदीप भोला और हेमंत पांडे ने अपने विशेष अंदाज में राजनीतिक कटाक्ष किए, जबकि विनीत चौहान और मनु वैशाली की हास्य कविताओं ने लोगों को पेट पकड़कर हंसने पर मजबूर कर दिया। सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा, और दर्शकों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
सुरभि संस्था: साहित्य, कला और संस्कृति की संवाहक
सुरभि संस्था लंबे समय से साहित्य, कला और संस्कृति को समर्पित रही है। इस मंच से हर वर्ष बड़े साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, जो हास्य और व्यंग्य के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करते हैं। इस बार का कवि सम्मेलन होली के रंग और हास्य की फुहारों से सराबोर था, जिसने उपस्थित श्रोताओं को अद्भुत आनंद प्रदान किया।
आयोजन की भव्यता और दर्शकों का उत्साह
इस कवि सम्मेलन में सभागार पूरी तरह दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। लोग हर कविता पर जमकर तालियां बजा रहे थे, और पूरे माहौल में हास्य और उमंग का संचार हो रहा था। यह कवि सम्मेलन न सिर्फ मनोरंजन का जरिया बना, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर गंभीर चर्चा का माध्यम भी साबित हुआ।
क्या कहते हैं श्रोता?
इस भव्य आयोजन को लेकर श्रोताओं का कहना था कि ऐसे कवि सम्मेलन समय-समय पर होते रहने चाहिए। सुरभि संस्था की यह पहल साहित्य प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव रही।
क्या रहेगा अगला आयोजन?
सुरभि संस्था ने संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में भी साहित्य और कला से जुड़े ऐसे भव्य आयोजन किए जाएंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अगला सम्मेलन कौन-सा नया रंग लेकर आएगा!
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