Chaibasa Complaint: पब्लिक शिकायतों के समाधान को पुलिस का अनोखा कदम
चाईबासा में जिला स्तरीय जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का आयोजन। कोल्हान पुलिस उप महानिरीक्षक मनोज रतन चौथे की मौजूदगी में शिकायतों की सुनवाई और समाधान पर जोर।
चाईबासा में स्थानीय पिल्लई हॉल बुधवार को एक खास आयोजन का गवाह बना। जिले के लोगों की शिकायतों को सुनने और समाधान देने के उद्देश्य से जिला स्तरीय जन शिकायत समाधान कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश पर किया गया, जिसमें कोल्हान पुलिस उप महानिरीक्षक मनोज रतन चौथे विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत: जनता के लिए एक नई उम्मीद
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने जनता को संबोधित करते हुए उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया। इस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर, सहायक पुलिस अधीक्षक (परीक्ष्यमान), सदर अनुमंडल पदाधिकारी, और कई अन्य वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
जन शिकायत समाधान कार्यक्रम की विशेषताएं
- समस्याओं की सुनवाई और समाधान:
- जिले भर से आई शिकायतों को पंजीकृत किया गया।
- शिकायतकर्ताओं को प्राप्ति रसीद प्रदान की गई, जिससे उनकी शिकायतों का ट्रैक रखा जा सके।
- त्वरित कार्रवाई के लिए संबंधित थाना प्रभारी और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
- जागरूकता अभियान:
- कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर जागरूकता सत्र आयोजित किए गए।
- आम जनता को उनके अधिकारों और पुलिस की जिम्मेदारियों के बारे में बताया गया।
पुलिस और जनता के बीच संवाद का सेतु
पुलिस उप महानिरीक्षक मनोज रतन चौथे ने अपने संबोधन में कहा, “यह कार्यक्रम पुलिस और जनता के बीच भरोसा बढ़ाने का प्रयास है। हर शिकायत का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। जनता की समस्याओं को सुनना और समाधान देना हमारी जिम्मेदारी है।”
इतिहास में जन शिकायत समाधान की परंपरा
ऐसे कार्यक्रम भारत के प्रशासनिक इतिहास में नई बात नहीं हैं।
- 1857 के विद्रोह के बाद: अंग्रेजों ने जनता से जुड़ने और विद्रोह को रोकने के लिए शिकायत समाधान समितियां बनाई थीं।
- स्वतंत्र भारत: 1950 के दशक में जनता की शिकायतों के निवारण के लिए स्थानीय स्तर पर पुलिस और प्रशासनिक बैठकों की शुरुआत हुई।
आंकड़ों में आज का कार्यक्रम
- शिकायतों की संख्या:
- कार्यक्रम में कुल 250 से अधिक शिकायतें पंजीकृत की गईं।
- इनमें से 50% शिकायतें भूमि विवाद और घरेलू हिंसा से जुड़ी थीं।
- फोकस क्षेत्र:
- थानों की कार्यशैली सुधारना।
- जनता और पुलिस के बीच संवाद बढ़ाना।
पुलिस की नई पहल: शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने कहा, “जनता की शिकायतों को समय पर समाधान देना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए सभी थानों को निर्देश दिया गया है कि हर शिकायत को गंभीरता से लें और समाधान की प्रक्रिया में पारदर्शिता रखें।”
जनता की प्रतिक्रिया: सकारात्मक पहल की सराहना
कार्यक्रम में शामिल जनता ने इसे एक सकारात्मक पहल बताया।
- शिकायतकर्ता सुमन देवी ने कहा, “पहली बार ऐसा लगा कि हमारी शिकायत को गंभीरता से सुना जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द समाधान मिलेगा।”
- एक अन्य शिकायतकर्ता रवि कुमार ने कहा, “इस तरह के कार्यक्रम जनता और प्रशासन के बीच भरोसा बढ़ाने का काम करेंगे।”
चाईबासा की पहचान और जनहित कार्यक्रम
चाईबासा, जो अपनी खनिज संपदा और आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है, ऐसे कार्यक्रमों से एक नई पहचान बना रहा है।
- आदिवासी क्षेत्रों में पुलिस का प्रयास:
- आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए यह पहल सराहनीय है।
चाईबासा का यह जन शिकायत समाधान कार्यक्रम पुलिस और जनता के बीच संवाद को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे आयोजन न केवल शिकायतों का समाधान करते हैं, बल्कि जनता में प्रशासन के प्रति भरोसा भी बढ़ाते हैं।
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