Gorakhpur Review: खिचड़ी मेले को सफल बनाने के लिए तैयारी जोरों पर
गोरखपुर में खिचड़ी मेले को सफल बनाने के लिए डीएम कृष्ण करुणेश और एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने समीक्षा बैठक की। जानें पूरी तैयारी और विशेष निर्देश।
गोरखपुर में आयोजित होने वाले खिचड़ी मेले को सुचारू और सफल बनाने के लिए प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। मंगलवार को पुलिस लाइन स्थित व्हाइट हाउस सभागार में जिला अधिकारी कृष्ण करुणेश और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक में प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
क्या है खिचड़ी मेला?
खिचड़ी मेला, गोरखपुर का एक प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित किया जाता है।
- इतिहास: इस मेले की परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है। यह गोरखनाथ मंदिर और क्षेत्रीय सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा हुआ है।
- आकर्षण: देशभर से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इस आयोजन में भाग लेने आते हैं।
समीक्षा बैठक के मुख्य बिंदु
बैठक में डीएम और एसएसपी ने मेले की तैयारियों का गहन निरीक्षण किया और सभी विभागों को सख्त दिशा-निर्देश दिए।
- सुरक्षा व्यवस्था:
- पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक संजय कुमार और पुलिस अधीक्षक मंदिर सुरक्षा अनुराग सिंह को निर्देश दिया गया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
- मंदिर और उसके आसपास सीसीटीवी कैमरों की निगरानी सुनिश्चित की जाए।
- यातायात प्रबंधन:
- यातायात को सुगम बनाने के लिए पार्किंग स्थलों का चिह्नांकन और रूट डायवर्जन प्लान तैयार किया गया।
- सफाई और स्वच्छता:
- एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह ने मेले के दौरान सफाई और स्वच्छता पर विशेष जोर दिया।
एक हफ्ते में पूरी होंगी तैयारियां
जिला अधिकारी कृष्ण करुणेश ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर सभी कार्य पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा, “हर विभाग को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना होगा, ताकि मेले का आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हो।”
पुलिस प्रशासन की भूमिका
पुलिस विभाग ने मंदिर सुरक्षा और यातायात नियंत्रण के लिए विशेष टीमें गठित की हैं।
- सीओ गोरखनाथ रवि कुमार सिंह ने बताया कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा।
- महिला सुरक्षा के लिए विशेष महिला पुलिस दल भी तैनात होंगे।
श्रद्धालुओं की संख्या और व्यवस्था
गोरखपुर खिचड़ी मेला हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
- प्रशासन का अनुमान है कि इस बार मेले में 20 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हो सकते हैं।
- श्रद्धालुओं के ठहरने, खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
खिचड़ी मेले की ऐतिहासिक प्रासंगिकता
गोरखपुर का खिचड़ी मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विविधता और पारंपरिक धरोहर का प्रतीक भी है।
- यह मेला गोरखनाथ मंदिर की महिमा और नाथ संप्रदाय की परंपराओं का हिस्सा है।
- मकर संक्रांति परंपरा: इस दिन खिचड़ी चढ़ाने की प्रथा को देशभर से श्रद्धालु निभाते हैं।
स्थानीय व्यापारियों में उत्साह
मेला क्षेत्र के आसपास व्यापारियों और दुकानदारों में भी भारी उत्साह है।
- स्थानीय उत्पाद: मेले में हस्तशिल्प, मिठाई और खिचड़ी सामग्री की विशेष मांग रहती है।
- प्रशासन ने व्यापारियों को स्वच्छता और अनुशासन बनाए रखने के लिए भी निर्देश दिए हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी?
एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने कहा, “यह मेला गोरखपुर की पहचान है, और इसे सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। हमारी प्राथमिकता श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा है।”
गोरखपुर का खिचड़ी मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान है। इस बार प्रशासन की तैयारियों से उम्मीद की जा रही है कि श्रद्धालु निर्बाध रूप से मेले का आनंद ले सकेंगे।
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