घाटशिला में आजीविका कर्मचारी संघ की बैठक, स्थायीकरण और अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा
घाटशिला में झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ की बैठक में स्थायीकरण और अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। कर्मचारियों ने एनआरएलएम में समायोजन और गृह जिले में स्थानांतरण की मांग की।
शुक्रवार को घाटशिला में झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ (JSLPS) के पूर्वी सिंहभूम जिला इकाई की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के ऐलसात और ऐलआठ परियोजनाओं के कर्मचारी शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य आजीविका कर्मचारियों के स्थायीकरण और अन्य संबंधित मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श करना था।
बैठक की अध्यक्षता झारखंड राज्य कर्मचारी संघ पूर्वी सिंहभूम के अध्यक्ष अभिजीत भगत ने की, जहां कर्मचारियों ने अपने अनुभव साझा किए और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। एनआरईटीपी, एमकेएसपी, और जोहार परियोजना के कर्मियों के एनआरएलएम में समायोजन पर विशेष रूप से जोर दिया गया। इसके अलावा, गृह जिले या निकटवर्ती प्रखंड में स्थानांतरण की मांग भी उठाई गई, जिससे कर्मचारियों को अपने परिवार के करीब रहकर काम करने का अवसर मिल सके।
मुख्य बिंदुओं पर चर्चा:
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समायोजन और स्थानांतरण: बैठक में यह मांग की गई कि एनआरईटीपी, एमकेएसपी, और जोहार परियोजनाओं के कर्मचारियों का राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) में समायोजन किया जाए। साथ ही, कर्मचारियों को गृह जिले या निकटतम प्रखंड में स्थानांतरण की सुविधा दी जाए। इससे न केवल कर्मचारियों की कार्य दक्षता बढ़ेगी, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार होगा।
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स्थायीकरण और कार्यकाल: कर्मचारियों ने 60 वर्ष की उम्र तक काम करने या स्थायीकरण की मांग की। यह मुद्दा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आजीविका परियोजनाओं में काम करने वाले कर्मचारी अस्थायी नियुक्तियों पर निर्भर हैं, जिससे उनके भविष्य की सुरक्षा को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है। स्थायीकरण से कर्मचारियों को उनके काम में स्थिरता और विश्वास मिलेगा, जिससे वे लंबे समय तक संस्था के लिए योगदान दे सकेंगे।
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अनुदान राशि जमा: बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि अनुदान राशि की समय पर जमा सुनिश्चित की जाए, ताकि विभिन्न परियोजनाओं के तहत कार्यरत कर्मचारियों को वेतन और अन्य लाभों का समय पर वितरण हो सके। यह कदम कर्मचारियों की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
बैठक का महत्व:
इस बैठक ने कर्मचारियों को एक मंच प्रदान किया, जहां वे अपने मुद्दों और चिंताओं को खुलकर व्यक्त कर सके। इससे न केवल समस्याओं की पहचान हुई, बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की दिशा भी तय हुई। अभिजीत भगत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में न केवल आजीविका कर्मचारियों के वर्तमान समस्याओं पर चर्चा हुई, बल्कि भविष्य की योजनाओं और रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श हुआ।
तथ्यों की पुष्टि और निष्पक्षता:
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लेखक की पृष्ठभूमि:
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