Woman Appeal for Help: गालूडीह में गले के ट्यूमर से जूझ रही महिला, प्रशासन से मदद की अपील!

गालूडीह में गले के ट्यूमर से परेशान आदिवासी महिला पुनगी टुडू आर्थिक तंगी के कारण इलाज नहीं करवा पा रही। जानिए उनका दर्दनाक संघर्ष और प्रशासन से मदद की गुहार।

Dec 29, 2024 - 17:23
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Woman Appeal for Help: गालूडीह में गले के ट्यूमर से जूझ रही महिला, प्रशासन से मदद की अपील!
Woman Appeal for Help: गालूडीह में गले के ट्यूमर से जूझ रही महिला, प्रशासन से मदद की अपील!

गालूडीह थाना क्षेत्र के हेंदलजुड़ी पंचायत के कालाझोर गांव में रहने वाली पुनगी टुडू (50) एक गंभीर समस्या का सामना कर रही हैं। वह गले के ट्यूमर से परेशान हैं, लेकिन उनके पास इलाज करवाने के लिए आवश्यक धन की कमी है। एक आदिवासी परिवार से संबंधित होने के कारण, आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब है, और इसलिए पुनगी के लिए उपचार का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी है, लेकिन इस समय गरीबी के चलते उनका परिवार इलाज का खर्चा उठाने में असमर्थ है।

गरीबी की मार और मौत के बाद बढ़ी मुश्किलें

पुनगी टुडू के जीवन में दुखों का सिलसिला रुका नहीं है। हाल ही में, उनके पति हरिहर टुडू की कैंसर से मौत हो गई, जिससे उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गईं। इस घटना के बाद पुनगी का जीवन और भी अधिक कठिन हो गया है। अब उनके पास न केवल खुद के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, बल्कि घर की देखभाल की जिम्मेदारी भी उन पर है। पुनगी ने बताया कि "मेरे पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, और सरकार से मिलने वाली सहायता भी मुझ तक नहीं पहुंची।"

प्रशासन से मदद की गुहार

पुनगी टुडू ने मंईयां सम्मान योजना के तहत मदद के लिए पंचायत में आवेदन भी किया था, लेकिन अब तक उनकी स्वीकृति नहीं हो पाई है। वह इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता का लाभ पाने की उम्मीद लगाए बैठी हैं, लेकिन अब तक कोई सहायता नहीं मिली। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि उन्हें शीघ्र ही इलाज के लिए मदद प्रदान की जाए ताकि वह अपनी बीमारी का इलाज करवा सकें और अपनी जीवनशैली को बेहतर बना सकें।

क्या है मंईयां सम्मान योजना?

मंईयां सम्मान योजना एक राज्य सरकार की योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब और असहाय व्यक्तियों को आर्थिक मदद प्रदान करना है, ताकि वे अपने इलाज और जीवनयापन के लिए आवश्यक सुविधाएं प्राप्त कर सकें। यह योजना विशेष रूप से आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए है, जिनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब होती है कि वे बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का भी लाभ नहीं उठा पाते। हालांकि पुनगी को इस योजना का लाभ नहीं मिल सका, जो उनके लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है।

ग्रामीणों की मदद और उम्मीद की किरण

गांव के लोग पुनगी की हालत को देखकर चिंतित हैं और उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह महिला पूरी तरह से अपने परिवार की देखभाल करती है, लेकिन अब स्वास्थ्य के कारण वह अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभा पा रही। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन मदद करता है, तो वह अपनी बीमारी से जूझने के लिए बेहतर इलाज प्राप्त कर सकती है।

क्या प्रशासन उठाएगा कदम?

यह मामला प्रशासन के लिए एक चुनौती है, क्योंकि यह साबित करता है कि सरकारी योजनाओं की पहुंच सभी तक नहीं पहुंच रही है। पुनगी का दर्दनाक संघर्ष एक उदाहरण है कि कैसे कई गरीब लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पा पा रहे हैं, जबकि उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। अब यह प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह इस स्थिति को गंभीरता से लेकर पुनगी टुडू की मदद करने के लिए त्वरित कदम उठाए।

भविष्य की राह: क्या बदलाव आएगा?

पुनगी टुडू के मामले ने यह साफ कर दिया है कि आर्थिक तंगी और सरकारी सहायता की कमी के कारण कई लोग अपने जीवन की बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। प्रशासन को इस स्थिति पर तत्काल विचार करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि हर व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। अगर पुनगी को जल्द ही इलाज की सहायता मिल जाती है, तो यह न केवल उनके लिए, बल्कि समाज के अन्य लोगों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।