गालूडीह में श्मशान भूमि पर अतिक्रमण से उपजा विवाद, 16 हजार रुपये और पाठा पर बनी सहमति

गालूडीह में श्मशान भूमि पर अतिक्रमण से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। इस मुद्दे पर बैठक में 16 हजार रुपये और पाठा पर सहमति बनी। पुलिस और राजनीतिक नेताओं ने स्थिति को शांत करने का प्रयास किया।

Jul 11, 2024 - 18:14
Jul 11, 2024 - 18:57
 0
गालूडीह में श्मशान भूमि पर अतिक्रमण से उपजा विवाद, 16 हजार रुपये और पाठा पर बनी सहमति
गालूडीह में श्मशान भूमि पर अतिक्रमण से उपजा विवाद, 16 हजार रुपये और पाठा पर बनी सहमति

गालूडीह, उलदा पंचायत के रेलवे फाटक के पास स्थित श्मशान भूमि पर अतिक्रमण से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। यह मामला तब और गरमाया जब ग्रामीणों ने देखा कि श्मशान भूमि पर मिट्टी का ढेर लगा दिया गया है। इस पर कई दिनों से ग्रामीणों की नाराजगी बनी हुई थी।

गुरुवार को उलदा के ग्रामीण फिर से श्मशान भूमि पर इकट्ठा हुए और उन्होंने रंजीत माहुरी पर श्मशान भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना है कि रंजीत माहुरी ने श्मशान भूमि पर मिट्टी डालकर उसे ढेर बना दिया है। इस मामले की शिकायत पहले ही थाना में की जा चुकी थी और पुलिस भी श्मशान भूमि स्थल पर पहुंच चुकी थी।

ग्राम प्रधान छोटु सिंह की अध्यक्षता में 16 जून को बैठक भी आयोजित की गई थी जिसमें जमीन मालिक रंजीत माहुरी को श्मशान भूमि से मिट्टी हटाने के लिए कहा गया था। एक महीने बीत जाने के बाद भी जब मिट्टी नहीं हटाई गई तो ग्रामीणों का आक्रोश फिर से भड़क उठा।

इस बीच, जिला परिषद सदस्य सुभाष सिंह और भाजपा नेता मुचीराम गिरी भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। ग्रामीणों ने रंजीत माहुरी पर श्मशान भूमि के कुछ हिस्से पर कब्जा करने का भी आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना है कि उनके सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ खिलवाड़ किया गया है और उनकी आस्था का अपमान हुआ है।

इसके बाद ग्रामीणों ने श्मशान भूमि के शुद्धिकरण के लिए 16 हजार रुपये और एक पाठा की मांग रखी। रंजीत सिंह ने कहा कि श्मशान के पास उनकी 30 डिसमिल जमीन है और उन्हें श्मशान की जानकारी नहीं थी। जिला परिषद सदस्य सुभाष सिंह की उपस्थिति में 16 हजार रुपये और पाठा सहित पूजा की सामग्री पर सहमति बनी और रंजीत माहुरी ने मिट्टी हटाने की सहमति दी।

इस घटना के बाद मामला शांत हुआ और मौके पर उपस्थित लोगों में सिदाम सिंह, गौर मोहन सिंह, छोटू सिंह, साम सिंह, इंद्रजीत सिंह, राजेन सिंह, निर्मल सिंह, मेघनाथ सिंह, बापी सिंह, मोती सिंह, वीरेन सिंह, राहुल सिंह, निलमोहन सिंह, अमि सरस्वती सिंह, उत्तम सिंह, सुरु सिंह, सुफल सिंह, विनोद सिंह, मिथिला सिंह, रसना सिंह, जयंती सिंह, ममता सिंह, अंजली सिंह, केशरी सिंह, कल्याणि सिंह, जुशना मालती सिंह, करनी सिंह, प्रमिला सिंह, कौशल्या देवी, और सरस्वती सिंह आदि शामिल थे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।