जमशेदपुर वीमेन्स यूनिवर्सिटी में 'सस्टेनेबल पॉपुलेशन ग्रोथ' पर हुआ विचार मंथन

जमशेदपुर वीमेन्स यूनिवर्सिटी में विश्व जनसंख्या दिवस पर 'बैलेंसिंग आवर फ्यूचर: नर्चरिंग सस्टेनेबल पॉपुलेशन ग्रोथ' विषय पर सेमिनार आयोजित हुआ।

Jul 11, 2024 - 18:25
Jul 11, 2024 - 18:56
जमशेदपुर वीमेन्स यूनिवर्सिटी में 'सस्टेनेबल पॉपुलेशन ग्रोथ' पर हुआ विचार मंथन
जमशेदपुर वीमेन्स यूनिवर्सिटी में 'सस्टेनेबल पॉपुलेशन ग्रोथ' पर हुआ विचार मंथन

जमशेदपुर वीमेन्स यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग ने 'बैलेंसिंग आवर फ्यूचर: नर्चरिंग सस्टेनेबल पॉपुलेशन ग्रोथ' विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया। इस अवसर पर कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता, बीज वक्ता डॉ सोमक विश्वास, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ किश्वर आरा, प्रॉक्टर डॉ सुधीर साहू, कुलसचिव राजेन्द्र जयसवाल एवं अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ रत्ना मित्रा मंचासीन रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ किश्वर आरा के स्वागत भाषण से हुई। संत कोलम्बा विश्वविद्यालय से आए बीज वक्ता डॉ सोमक विश्वास ने अपने वक्तव्य में परम्परागत अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए सस्टेनेबिलिटी के तीन 'ई' - इक्विटी, इकोनॉमी और इकोलॉजी पर ध्यान केन्द्रित करने की बात की। उन्होंने जनसंख्या वृद्धि को एक बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि बढ़ती जनसंख्या के साथ भोजन और अन्य आवश्यकताओं की समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं।

कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि 1987 में विश्व की कुल जनसंख्या 5 अरब थी और अब यह लगातार बढ़ती जा रही है। 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने बताया कि भारत में युवा जनसंख्या अधिक है, लेकिन उनमें से केवल 5 प्रतिशत ही शिक्षित हैं। बेरोजगारी से समाज में अव्यवस्था उत्पन्न होती है, जिससे नक्सलवाद और अन्य समस्याएं सामने आती हैं।

विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य जनसंख्या को संतुलित करने और समाज को जागरूक करने पर विचार करना है। विश्वविद्यालय ने सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है ताकि छात्राएं नियमित कक्षाओं के साथ एक स्किल डेवलप कर सकें और रोजगार से जुड़ सकें।

पटना विश्वविद्यालय की डॉ पुष्पा ने अपने वक्तव्य में विश्व जनसंख्या दिवस में भारत की अहम भूमिका और इससे संबंधित कई चुनौतियों को साझा किया। इस दिशा में बेहतर प्रयासों के लिए पीएचडी स्कॉलर सुमेधा, श्वेता सिंह, ऋतुराज, एवं साई भारती ने अपने पत्र प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ रत्ना मित्रा ने किया। इस अवसर पर डॉ कामिनी, अमृता कुमारी, डीओ सलोमी कुजूर, डॉ अनुराधा, डॉ शहला जबीं, डॉ अर्पणा, डॉ श्वेता, डॉ केया, तपन, श्री विश्वनाथ राव, अर्पण सहित अन्य शिक्षक एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।

Chandna Keshri मैं स्नातक हूं, लिखना मेरा शौक है।