Graduate College Jamshedpur: महिलाओं के बीच माहवारी जागरूकता अभियान और मौलिक अधिकारों पर नुक्कड़ नाटक

1 फरवरी 2025 को ग्रेजुएट कॉलेज जमशेदपुर के एनएसएस यूनिट ने प्रधान टोला गांव में माहवारी जागरूकता अभियान चलाया। एनएसएस वॉलंटियर्स ने सैनिटरी पैड वितरण के साथ महिलाओं को स्वास्थ्य, स्वच्छता, और अधिकारों के बारे में जागरूक किया।

Feb 1, 2025 - 19:10
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Graduate College Jamshedpur: महिलाओं के बीच माहवारी जागरूकता अभियान और मौलिक अधिकारों पर नुक्कड़ नाटक
Graduate College Jamshedpur: महिलाओं के बीच माहवारी जागरूकता अभियान और मौलिक अधिकारों पर नुक्कड़ नाटक

जमशेदपुर: 1 फरवरी 2025 को ग्रेजुएट कॉलेज जमशेदपुर के एनएसएस यूनिट 1 ने प्रधान टोला गांव, परसुडीह में महिलाओं के बीच माहवारी और स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान चलाया। इस कार्यक्रम में एनएसएस वॉलंटियर्स ने महिलाओं को स्वच्छता, सही आहार, और जीवनशैली के महत्व के बारे में बताया। साथ ही, सैनिटरी पैड का वितरण भी किया गया, जिससे महिलाओं को उनकी सेहत के प्रति जागरूक किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत: महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता

एनएसएस वॉलंटियर्स संध्या, शगुफ्ता, इच्छा और अर्पिता ने महिलाओं के बीच माहवारी से जुड़ी समस्याओं और स्वच्छता के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि माहवारी के दौरान स्वच्छता बनाए रखना न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि समग्र जीवनशैली के लिए भी आवश्यक है। इस दौरान महिलाएं इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा करने के लिए प्रेरित हुईं।

  • सही आहार: महिलाएं स्वच्छ आहार के महत्व को समझने लगीं, जिससे उनकी सेहत पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
  • स्वच्छता: माहवारी के दौरान सही स्वच्छता के तरीके अपनाना भी उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

स्वास्थ्य के साथ अधिकारों पर जागरूकता

इसके बाद, एनएसएस वॉलंटियर्स ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वतंत्रता, समानता, और शोषण के खिलाफ अधिकार जैसे महत्वपूर्ण मौलिक अधिकारों की जानकारी दी। यह नुक्कड़ नाटक गांव में उपस्थित महिलाओं और बच्चों के बीच बहुत आकर्षक और प्रभावी साबित हुआ। यह न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य पर, बल्कि उनके अधिकारों के बारे में भी उन्हें जागरूक करने का एक सशक्त तरीका था।

कार्यक्रम का मार्गदर्शन: डॉक्टर निशा कोंगारी

इस कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर निशा कोंगारी के मार्गदर्शन में किया गया। उनके नेतृत्व में यह जागरूकता अभियान अत्यधिक प्रभावी रहा और महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

महिलाओं के स्वास्थ्य और अधिकारों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत में महिला स्वास्थ्य और उनके अधिकारों पर कई वर्षों से काम किया जा रहा है। 21वीं सदी में महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन अब भी ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी है। इसके लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं काम कर रही हैं, ताकि महिलाओं को उनके अधिकार और स्वच्छता के उपायों के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

भविष्य की योजनाएं और प्रभाव

इस प्रकार के अभियान भविष्य में और भी गांवों में आयोजित किए जाएंगे। एनएसएस के सदस्यों और महिलाओं के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इससे महिलाओं को अपनी समस्याओं पर चर्चा करने का मौका मिलेगा और वे अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हो सकेंगी।

ग्रेजुएट कॉलेज जमशेदपुर के एनएसएस यूनिट 1 द्वारा चलाए गए इस जागरूकता अभियान ने महिलाओं के स्वास्थ्य और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस तरह के कार्यक्रम न केवल गांवों में बदलाव ला रहे हैं, बल्कि महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में भी एक कदम है। ऐसे कार्यक्रमों से महिलाएं न केवल अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होती हैं, बल्कि वे अपने अधिकारों के बारे में भी अधिक जानने लगती हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।