Akhil Bhartiya Purva Sainik in Jamshedpur - रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी, पेंशन खर्चा और नए हथियारों की खरीद पर जोर

भारत सरकार ने रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी की है। क्या इस बढ़ोतरी से भारतीय सेना की ताकत बढ़ेगी? जानें रक्षा क्षेत्र से जुड़े अहम पहलू।

Feb 1, 2025 - 19:02
Feb 1, 2025 - 19:10
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Akhil Bhartiya Purva Sainik in Jamshedpur - रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी, पेंशन खर्चा और नए हथियारों की खरीद पर जोर
Akhil Bhartiya Purva Sainik in Jamshedpur - रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी, पेंशन खर्चा और नए हथियारों की खरीद पर जोर

भारत सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी की है, जिसमें पेंशन के खर्चे का बड़ा हिस्सा है। इस बार सरकार ने कुल 6.81 लाख करोड़ रुपये का रक्षा बजट प्रस्तावित किया है, जो पिछले बजट से लगभग 9 प्रतिशत और संशोधित बजट से 6 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, बजट में वृद्धि के बावजूद सैन्य उपकरणों की खरीद, आधुनिकीकरण और रक्षा के अन्य पहलुओं के लिए आवश्यक आवंटन में बदलाव हुआ है।

रक्षा बजट में क्या हुआ बदलाव?

इस साल रक्षा बजट में जो मामूली वृद्धि की गई है, उसका अधिकांश हिस्सा पेंशन खर्च में ही चला गया है। वहीं, सैन्य उपकरणों की खरीद और आधुनिकीकरण के लिए 180,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले बजट से 4.65 प्रतिशत अधिक है। यह बढ़ोतरी रक्षा क्षेत्र की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत लगातार अपनी सेना को आधुनिक बनाने के लिए प्रयासरत है।

आधुनिक युद्ध की चुनौतियों के मद्देनजर, सरकार ने DRDO के बजट में भी 12 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन को और सशक्त बनाने का प्रयास किया गया है।

रक्षा पेंशन का असर:

रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा पेंशन के लिए है। भारत सरकार के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को पेंशन प्रदान करना देश के रक्षा सम्मान की बात है, लेकिन इसे देखते हुए यह भी चिंता का विषय बनता जा रहा है कि सरकार की योजना पेंशन और सैन्य खर्च के बीच संतुलन बनाए रखने की होगी। वर्तमान में पेंशन खर्च में वृद्धि देश की रक्षा नीति के लिए चुनौती पेश करती है।

कैपिटल खर्च और सैन्य उपकरणों की खरीद:

इस साल के बजट में 180,000 करोड़ रुपये का कैपिटल खर्च प्रस्तावित है। इसका उद्देश्य सैन्य उपकरणों की खरीद, आधुनिकीकरण और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करना है। यह रकम भारतीय सेना को और अधिक सक्षम बनाने के लिए जरूरी है, ताकि हम वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में मजबूती से खड़े हो सकें।

कैपिटल खर्च में इस वृद्धि को देखते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में भारत अपनी सेना को और भी आधुनिक बनाएगा, ताकि वह दुनिया के अन्य विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा कर सके।

देश के विकास के लिए जरूरी कदम:

बजट में बदलावों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल सैन्य सुरक्षा को बढ़ाना है, बल्कि यह देश के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। खासतौर पर वेतनभोगी वर्ग, छोटे व्यापारियों और किसानों के लिए टैक्स में राहत और पेंशन के मामले में सुधार करना सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।