भाजपा के पूर्व जमशेदपुर अध्यक्ष दिनेश कुमार को आचार संहिता उल्लंघन मामले में पुनः मिली जमानत
भाजपा के पूर्व जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार को आचार संहिता उल्लंघन मामले में पुनः जमानत मिल गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान साकची काशीडीह स्थित चंद्रबली उद्यान की बाउंड्री वॉल पर मोदी सरकार के पोस्टर लगाए जाने पर यह मामला दर्ज किया गया था।
भाजपा के पूर्व जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार को आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में फिर से जमानत लेनी पड़ी। यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान साकची थाना क्षेत्र में चंद्रबली उद्यान की बाउंड्री वॉल पर मोदी सरकार के पोस्टर चिपकाने का है। इस मामले में कोर्ट ने दिनेश कुमार की पहले दी गई जमानत को रद्द कर दिया था, जिससे उन्हें पुनः जमानत लेनी पड़ी।
मामले की पृष्ठभूमि
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान साकची काशीडीह स्थित चंद्रबली उद्यान की बाउंड्री वॉल पर मोदी सरकार के पोस्टर लगाए जाने पर प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट सतेंद्र कुमार ने दिनेश कुमार के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई और गवाही पूरी होने के बाद जमशेदपुर कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पूजा कुमारी लाल ने 30 मई को फाइनल जजमेंट की तारीख तय की थी।
अनुपस्थिति पर जमानत रद्द
दिनेश कुमार अपने परिवार के साथ माता वैष्णो देवी यात्रा पर गए हुए थे और 30 मई को कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके। उनकी अनुपस्थिति पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और उनकी जमानत रद्द कर दी, साथ ही वारंट भी जारी कर दिया।
पुनः जमानत की प्रक्रिया
गुरुवार को दिनेश कुमार अपने अधिवक्ता विजय शंकर पाठक के साथ कोर्ट में उपस्थित हुए और जमानत अर्जी दाखिल की। अधिवक्ता श्री पाठक ने कोर्ट के समक्ष ट्रेन का टिकट, जो मार्च माह में ही लिया गया था, प्रस्तुत किया और जमानत देने का आग्रह किया। कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी स्वीकार कर ली और दस हजार के दो जमानतदार प्रस्तुत करने को कहा।
कोर्ट में उपस्थिति
कोर्ट में दिनेश कुमार के अधिवक्ता विजय शंकर पाठक, बैजनाथ उपाध्याय (पप्पू), महेश कुमार और कृष्ण सिंह उपस्थित थे। पार्टी कार्यकर्ताओं में प्रोबिर चटर्जी राणा, कपिल कुमार, नरेंद्र कुमार सिंह, दीपक कुमार सिंह और ऋषभ सिंह भी मौजूद थे।
इस मामले में दिनेश कुमार को पुनः जमानत मिलने से पार्टी के सदस्यों में राहत की भावना है। मामले की अगली सुनवाई पर ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह भविष्य में इस प्रकार के आचार संहिता उल्लंघन मामलों के लिए एक उदाहरण स्थापित कर सकता है।
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