Dhanbad Justice: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा

धनबाद कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी कतरास निवासी अमित कुम्हार को 20 साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जानें पूरी खबर।

Nov 27, 2024 - 10:29
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Dhanbad Justice: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा
Dhanbad Justice: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा

धनबाद : झारखंड के धनबाद जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह ने कतरास निवासी अमित कुम्हार को 20 वर्ष कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

यह मामला शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और वीडियो वायरल करने की धमकी का है। आरोपी ने पीड़िता का भरोसा तोड़ते हुए उसके जीवन को अंधकारमय बना दिया।

क्या है पूरा मामला?

  • घटना की तारीख:
    28 अगस्त 2023 को आरोपी अमित कुम्हार ने पीड़िता को अपने घर बुलाकर शादी का झांसा दिया।

    • उसने पीड़िता का शारीरिक शोषण किया।
    • पीड़िता को वीडियो वायरल करने की धमकी देकर चुप रहने को मजबूर किया।
  • एफआईआर:
    7 सितंबर 2023 को कतरास थाना में पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई।

  • पुलिस की कार्रवाई:
    29 नवंबर 2023 को पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दाखिल किया।

कैसे हुआ न्याय?

मामले की सुनवाई 13 दिसंबर 2023 को शुरू हुई।

  • गवाहों का परीक्षण:
    अपर लोक अभियोजक समित प्रकाश ने पांच गवाहों को पेश किया।
  • फैसला:
    • कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा दी।
    • साथ ही, 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

पोक्सो एक्ट और इसका महत्व

पोक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) 2012 में बाल यौन अपराधों से निपटने के लिए बनाया गया।

  • उद्देश्य:
    • बच्चों को यौन शोषण से बचाना।
    • अपराधियों को सख्त सजा देना।
  • धनबाद का यह मामला:
    पोक्सो एक्ट के तहत तेज और सटीक कार्रवाई का उदाहरण है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

धनबाद के निवासियों ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया।
एक स्थानीय महिला ने कहा:

"यह फैसला समाज के उन दरिंदों को कड़ा संदेश देगा जो मासूमों की जिंदगी खराब करते हैं।"

इस फैसले से क्या मिला संदेश?

  1. बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि:
    नाबालिगों के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए कानून किसी भी तरह की रियायत नहीं देगा।
  2. न्याय की तेज प्रक्रिया:
    मात्र तीन महीने में न्याय प्रक्रिया पूरी कर अदालत ने तेज कार्रवाई का उदाहरण पेश किया।

आपकी राय क्या है?

क्या पोक्सो एक्ट को और मजबूत करने की जरूरत है?
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