Dhanbad Fraud: मोबाइल चोरी से 57,900 की ठगी और 90 हजार का ऑनलाइन शॉपिंग कांड!

धनबाद में मोबाइल चोरी के बाद साइबर अपराधियों ने 57,900 रुपये और क्रेडिट कार्ड से 90,000 रुपये के सामान खरीदे। दीपांकर गुप्ता ने अपराधियों को रंगे हाथों पकड़ा। पढ़ें पूरी खबर।

Nov 23, 2024 - 09:51
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Dhanbad Fraud: मोबाइल चोरी से 57,900 की ठगी और 90 हजार का ऑनलाइन शॉपिंग कांड!
मोबाइल चोरी से 57,900 की ठगी और 90 हजार का ऑनलाइन शॉपिंग कांड!

धनबाद: बरटांड़ के रहने वाले दीपांकर गुप्ता की सूझबूझ से साइबर अपराधियों का बड़ा खेल उजागर हुआ। मोबाइल चोरी की एक साधारण घटना ने देखते ही देखते ठगी के एक बड़े मामले का रूप ले लिया। चोरी गए मोबाइल से साइबर अपराधियों ने न केवल उनके बैंक खाते से ₹57,900 उड़ा लिए, बल्कि उनके क्रेडिट कार्ड से ₹90,000 की ऑनलाइन शॉपिंग भी कर डाली। इसके बावजूद, दीपांकर ने अपनी समझदारी और पुलिस के सहयोग से अपराधियों को रंगे हाथों पकड़वा दिया।

कैसे हुआ फ्रॉड का खुलासा?

धनबाद रेलवे स्टेशन पर दीपांकर का मोबाइल चोरी हो गया था। चोरी हुए मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए साइबर अपराधियों ने उनका आधार नंबर निकाल लिया। इसके बाद आधार का उपयोग कर उनके बंद सिम को री-एक्टिवेट कर लिया।

  • फ्लिपकार्ट पर फर्जी खाता: अपराधियों ने फ्लिपकार्ट पर "पे लेटर" सुविधा का इस्तेमाल करते हुए ₹57,000 का टीवी और ₹33,000 का मोबाइल ऑर्डर किया।
  • बैंक खाते से ट्रांजेक्शन: उनके बैंक खाते से ₹57,900 सीधे ट्रांसफर कर दिए गए।

दीपांकर, जो बेंगलुरु में आईटी सेक्टर में कार्यरत हैं, ने एक एप की मदद से जांच शुरू की। उन्होंने पाया कि उनके आधार नंबर का उपयोग आईडीएफसी बैंक और सिम री-एक्टिवेशन के लिए किया गया है।

डिलीवरी ब्वॉय बना बड़ा हथियार

दीपांकर ने ठगी को उजागर करने के लिए अपराधियों तक पहुंचने की योजना बनाई।

  1. उन्होंने फ्लिपकार्ट से ऑर्डर की जानकारी जुटाई।
  2. पाया कि डिलीवरी आसनसोल के गैलेक्सी मॉल में होनी है।
  3. डिलीवरी ब्वॉय का नंबर लेकर उससे संपर्क किया और उसे सारी जानकारी दी।

इसके बाद दीपांकर ने धनबाद जीआरपी को सूचित किया। पुलिस ने निरसा थाने की टीम के साथ आसनसोल में अपराधियों को पकड़ने की योजना बनाई।

रंगे हाथ पकड़े गए अपराधी

आसनसोल गैलेक्सी मॉल में, जैसे ही डिलीवरी ब्वॉय ने सामान देने की कोशिश की, जीआरपी की टीम ने दो साइबर अपराधियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।

  • कौन हैं अपराधी? दोनों आरोपी झारखंड के साइबर अपराधियों के कुख्यात हब जामताड़ा के रहने वाले हैं।
  • क्या मिला पुलिस को? आरोपियों के मोबाइल में 8-10 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन के सबूत मिले हैं।

साइबर क्राइम का अड्डा: जामताड़ा

जामताड़ा साइबर क्राइम का गढ़ माना जाता है। यहां के अपराधियों पर पहले भी देशभर में लोगों को ठगने के आरोप लगते रहे हैं। तकनीक के गलत इस्तेमाल से ये अपराधी आम जनता को बड़े पैमाने पर निशाना बनाते हैं।

दीपांकर की सूझबूझ बनी मिसाल

इस पूरे घटनाक्रम में दीपांकर की सतर्कता और तकनीकी समझ ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पुलिस के साथ मिलकर न केवल अपना नुकसान रोका, बल्कि अपराधियों को सलाखों के पीछे भी पहुंचाया।

पुलिस का अलर्ट

धनबाद जीआरपी ने आम लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत पुलिस को सूचित करने की अपील की है।

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