Deoghar Incident : ठंड से बेहोश दूल्हा, दुल्हन ने शादी से किया इंकार, बैरंग लौटी बारात!
देवघर जिले में शादी के दौरान दूल्हा ठंड के कारण बेहोश हो गया, दुल्हन ने शादी से इंकार किया और बारात बैरंग लौट गई। क्या हुई पूरी घटना? पढ़ें रिपोर्ट।
देवघर, एक ऐसी घटना जिसने शादी की शादियों और उनकी अनूठी परंपराओं के बारे में सवाल खड़े कर दिए। इस बाबा नगरी में हुई एक शादी की घटना ने सबको हैरान कर दिया। ठंड और शीतलहर के बीच एक शादी में कुछ ऐसा हुआ, जिससे न सिर्फ बारात बल्कि दुल्हन और दूल्हे के परिवार वाले भी सकते में आ गए। जानिए, कैसे कड़ाके की ठंड ने शादी के पूरे माहौल को बदलकर रख दिया।
शादी की शुरुआत: सब कुछ था सुहाना, फिर अचानक बदल गई कहानी
यह घटना मोहनपुर थाना क्षेत्र के पेड़ा नगरी घोरमारा में घटित हुई, जहां वर पक्ष घोरमारा का रहने वाला था और वधू पक्ष भागलपुर से था। दोनों परिवारों के बीच सहमति के बाद सुखाड़ी मंडल गार्डन कैंपस में शादी का आयोजन किया गया। शादी की शुरुआत बाजे-गाजे और धूमधाम के साथ हुई। वरमाला भी खुशी-खुशी हुई, लेकिन दूल्हा और दुल्हन की खुशियाँ कुछ ही समय में एक मुसीबत में बदल गई।
कंपकंपाते हुए गिर पड़ा दूल्हा: शादी में आया अप्रत्याशित मोड़
शादी के मंडप में वरमाला और खानपान के बाद पंडित ने रस्मों की शुरुआत की। अचानक, दूल्हा ठंड के प्रभाव से कंपकंपाते हुए गिर पड़ा। उसका शरीर पूरी तरह से ठंडा पड़ चुका था। यह देखकर उसके परिजन घबराए और उसे तुरंत कमरे में ले जाकर उपचार शुरू किया। कुछ ही देर में एक कंपाउंडर को बुलाया गया, और दूल्हे को राहत देने के लिए स्लाईन और इंजेक्शन दिए गए।
दुल्हन का इंकार: शादी के ख्वाब चुराने वाली ठंड!
करीब डेढ़ घंटे बाद दूल्हा सामान्य हुआ, लेकिन जब वह फिर से मंडप में बैठने को तैयार हुआ, तो दुल्हन ने सीधे तौर पर शादी से इंकार कर दिया। उसका कहना था कि दूल्हे को किसी गंभीर बीमारी का सामना हो सकता है, जो उसकी शादी के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है। इस फैसले से दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया।
पुलिस की मदद से हुआ मामला शांत, लेकिन शादी की उम्मीदें नहीं जगीं
दुल्हन के इंकार के बाद विवाद इतना बढ़ा कि मोहनपुर थाना प्रभारी प्रियरणजन कुमार को पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचना पड़ा। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया और शांत करने की कोशिश की, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई। सुबह के 8 बजे तक बात नहीं बन पाई, और अंत में वर पक्ष को अपनी बारात बैरंग लौटा लेनी पड़ी। वहीं, वधू पक्ष भी अपने घर लौट गया।
क्या यह एक संकेत है?
इस अनोखी घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या कड़ाके की ठंड ने इस शादी को तोड़ने का कारण बना? क्या यह विवाह की परंपराओं और मौसम की ताकत के बीच संघर्ष को दर्शाता है? क्या ठंड से बचाव की उचित व्यवस्था होती तो क्या दूल्हा और दुल्हन की शादी साकार हो पाती?
यह घटना हमें यह समझने का मौका देती है कि कुछ चीजें हमारी इच्छाओं से परे होती हैं, चाहे वह शादी हो या कोई और समारोह। किसी भी समारोह के दौरान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी होता है। यदि यह घटना एक संकेत हो, तो यह हमें मौसम की चुनौतियों के बारे में और बेहतर तरीके से सोचने के लिए प्रेरित करता है।
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