दिल्ली की हवा में जहर: वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब', यमुना में जहरीला झाग
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। यमुना नदी में जहरीला झाग दिखने से प्रदूषण की समस्या और भी गंभीर हो गई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
नई दिल्ली, शुक्रवार, 8 नवंबर 2024: दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। दिवाली के बाद से ही राजधानी की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है। शुक्रवार को भी दिल्ली में सुबह के समय धुंध की मोटी परत छाई रही, जिससे लोगों को शाम जैसा अनुभव होने लगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आज सुबह 8 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 383 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। तिलक मार्ग और आसपास के क्षेत्रों में बिजिबिलिटी कम हो गई है और AQI 349 के करीब पहुंच गया है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब पाया गया है। सफर (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के आंकड़ों के मुताबिक, अलीपुर में AQI 397, बवाना में 440, द्वारका सेक्टर 8 में 391, मुंडका में 428, नजफगढ़ में 374, न्यू मोती बाग में 427, रोहिणी में 439, पंजाबी बाग में 406 और आरके पुरम में 406 रिकॉर्ड किया गया। इन सभी क्षेत्रों में AQI स्तर बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में रहा, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने का खतरा है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग बिना वजह बाहर न निकलें और यदि निकलना जरूरी हो तो मास्क का उपयोग करें।
छठ पूजा पर श्रद्धालुओं ने की यमुना में पूजा
प्रदूषण के बावजूद, दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में छठ पूजा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने यमुना घाट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत संपन्न किया। सुबह 6:55 बजे कालिंदी कुंज में ड्रोन से लिए गए विजुअल्स में यमुना नदी में जहरीला झाग तैरता हुआ दिखाई दिया। यमुना में मौजूद इस झाग ने जल प्रदूषण की गंभीरता को एक बार फिर से उजागर कर दिया है।
यमुना में प्रदूषण और हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
गुरुवार को भी छठ पूजा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं ने जहरीले झाग से भरी यमुना में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया था। यमुना के तट पर पूजा करने की अनुमति को लेकर एक जनहित याचिका (PIL) भी दाखिल की गई थी, जिसमें छठ पूजा पर लगाए गए बैन को चुनौती दी गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं को यमुना नदी के तट पर पूजा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
चीफ जस्टिस मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गडेला की पीठ ने कहा, “कृपया समझने की कोशिश कीजिए, आप बीमार पड़ जाएंगे। हम आपको पानी में जाने की अनुमति नहीं दे सकते। यमुना का जल बेहद प्रदूषित है और एक दिन में इसे साफ नहीं किया जा सकता।” कोर्ट का यह बयान यमुना में बढ़ते प्रदूषण के स्तर की ओर इशारा करता है, जो दिल्ली और आसपास के लोगों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन चुका है।
प्रदूषण का प्रभाव और जागरूकता की जरूरत
दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता और यमुना नदी का जहरीला झाग न केवल पर्यावरण बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा है। हर साल सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई, खांसी और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में बुजुर्गों और बच्चों को खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वे प्रदूषण से जल्दी प्रभावित होते हैं।
सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी जनता से अपील की है कि वे निजी वाहनों का उपयोग कम करें, सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें, और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कचरे का सही ढंग से निपटान करें।
निष्कर्ष
दिल्ली की वायु गुणवत्ता और यमुना नदी का प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे में सभी नागरिकों और अधिकारियों को प्रदूषण से निपटने के लिए मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। जागरूकता, सख्त नियम और व्यक्तिगत प्रयास ही इस संकट को कम कर सकते हैं।
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