क्या परीक्षा के लिए झारखंड में इंटरनेट बंद करना सही है या जैमर का इस्तेमाल बेहतर विकल्प है?

झारखंड में परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं, जिससे बैंकिंग, चिकित्सा और अन्य सेवाओं में बाधा आई। क्या परीक्षा के लिए इंटरनेट बंद करना सही है या जैमर का इस्तेमाल बेहतर विकल्प है?

Sep 21, 2024 - 19:12
 0
क्या परीक्षा के लिए झारखंड में इंटरनेट बंद करना सही है या जैमर का इस्तेमाल बेहतर विकल्प है?
क्या परीक्षा के लिए झारखंड में इंटरनेट बंद करना सही है या जैमर का इस्तेमाल बेहतर विकल्प है?

झारखंड सरकार के इंटरनेट बंदी निर्णय पर सवाल उठाते हुए उठी चिंताएँ

21 और 22 सितंबर 2024 को झारखंड में प्रतियोगी परीक्षा के दौरान सुबह 8 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रखने का निर्णय लिया गया। झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (JSSC) द्वारा आयोजित इस परीक्षा के दौरान इंटरनेट बंद करने का मुख्य उद्देश्य नकल और गलत गतिविधियों को रोकना था। लेकिन, भारतीय मानवधिकार एसोसिएशन पूर्वी सिंहभूम की ओर से इस निर्णय पर सवाल उठाए गए हैं।

आज के डिजिटल युग में इंटरनेट सेवाएं हर क्षेत्र में अनिवार्य हो चुकी हैं। बैंकिंग, टैक्स, मेडिकल सेवाओं से लेकर यातायात व्यवस्था और व्यावसायिक लेन-देन तक, सब कुछ इंटरनेट पर निर्भर है। इस कारण इंटरनेट सेवाएं बंद होने से आम जनता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इंटरनेट बंदी के कारण होने वाली समस्याएं

इंटरनेट बंद होने के कारण सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ा जो ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे थे। बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गईं, जिससे ट्रांजैक्शन रुक गए। मेडिकल सेवाओं में भी इससे अव्यवस्था देखने को मिली। कई मेडिकल एप्लिकेशनों पर निर्भर अस्पताल और डॉक्टर इंटरनेट बंदी के कारण अपनी सेवाओं को सही से संचालित नहीं कर पाए। साथ ही यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई। ऑनलाइन टिकट बुकिंग और नेविगेशन सेवाएं बंद हो गईं, जिससे यात्री और ड्राइवर दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

जैमर का इस्तेमाल: एक बेहतर विकल्प?

इंटरनेट बंदी को लेकर उठे सवाल के बीच, मानवधिकार एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि इंटरनेट बंद करने की जगह, परीक्षा केंद्रों पर जैमर का इस्तेमाल किया जाए। जैमर का उपयोग कर मोबाइल और अन्य डिवाइस की सेवाओं को परीक्षा केंद्रों तक सीमित किया जा सकता है, जिससे इंटरनेट सेवाएं बाधित न हों और परीक्षाएं भी शांतिपूर्ण ढंग से संचालित की जा सकें।

इंटरनेट बंदी एक अस्थायी समाधान है, लेकिन क्या यह सही है कि हर बार परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवाएं बंद की जाएं? क्या यह एक स्थायी समाधान है? खासकर तब, जब इंटरनेट आज के समय की एक अनिवार्य सेवा बन चुकी है, ठीक वैसे ही जैसे पहले के समय में जल और विद्युत सेवा जरूरी मानी जाती थी।

जनता की उम्मीद

लोगों की उम्मीद है कि सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान निकालेगी। जैसे पहले बिजली का विकल्प बैटरी और सोलर सिस्टम लाया गया था, वैसे ही इंटरनेट बंदी का एक स्थायी विकल्प जैमर हो सकता है। इंटरनेट आज के दौर में "डिजिटल जीवन" बन चुका है, और इसे बंद करना एक अस्थायी समाधान है, जो दीर्घकालिक रूप से सही नहीं ठहराया जा सकता।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।