Chaibasa Network: मोबाइल कनेक्टिविटी सुधारने की बड़ी तैयारी, जल्द दूर होंगे नेटवर्क के झंझट!
चाईबासा में मोबाइल नेटवर्क की समस्या जल्द होगी दूर! जिला प्रशासन ने टावर लगाने और ऑप्टिकल फाइबर बिछाने पर शुरू की बड़ी योजना। जानिए पूरी खबर।

चाईबासा: झारखंड के ग्रामीण इलाकों में कमजोर मोबाइल नेटवर्क की समस्या जल्द खत्म हो सकती है। जिला प्रशासन अब इस दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। सोमवार को चाईबासा जिला समाहरणालय में उपायुक्त कुलदीप चौधरी की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई, जिसमें जिले में मोबाइल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए टावर लगाने और ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) बिछाने को लेकर चर्चा की गई।
गांवों में क्यों जरूरी है नेटवर्क विस्तार?
चाईबासा और आसपास के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में लंबे समय से मोबाइल नेटवर्क की समस्या बनी हुई है। दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोग अक्सर नेटवर्क की खराबी से जूझते हैं, जिससे डिजिटल सुविधाओं तक उनकी पहुंच बाधित होती है। उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बैठक में स्पष्ट किया कि तकनीकी युग में बेहतर नेटवर्क कनेक्टिविटी सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि जरूरत बन चुकी है। इससे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलने के साथ-साथ डिजिटल बैंकिंग, ऑनलाइन शिक्षा और टेलीमेडिसिन जैसी सेवाओं का लाभ मिलेगा।
वन विभाग की मंजूरी बनी बाधा?
बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी और प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। मुख्य चर्चा का विषय था – मोबाइल टावर और केबल बिछाने के लिए वन भूमि पर अनुमति (NOC) दिलाने की प्रक्रिया। चूंकि जिले का एक बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है, ऐसे में टावर लगाने के लिए वन विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है।
क्या मिला उपायुक्त का निर्देश?
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जमीनी स्तर पर भौतिक सत्यापन करें और जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि नेटवर्क विस्तार की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। साथ ही, उन्होंने टेलीकॉम कंपनियों से कहा कि वे आवश्यक दस्तावेज और प्रस्ताव जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं, ताकि किसी तरह की प्रशासनिक देरी न हो।
झारखंड में नेटवर्क क्रांति की तैयारी?
अगर यह परियोजना तेजी से आगे बढ़ी तो यह झारखंड के पिछड़े इलाकों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। झारखंड सरकार पहले से ही डिजिटल इंडिया पहल को सफल बनाने के लिए ग्रामीण इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके तहत नए टावर लगाए जा रहे हैं, और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का काम तेजी से हो रहा है।
ग्रामीणों को क्या होगा फायदा?
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ऑनलाइन सेवाओं की आसान पहुंच – सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ सीधे मोबाइल पर मिलेंगे।
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शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं – ऑनलाइन क्लास और टेलीमेडिसिन सेवाएं ग्रामीणों को घर बैठे मिल सकेंगी।
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डिजिटल बैंकिंग का विस्तार – कैशलेस लेनदेन बढ़ेगा और ग्रामीण बैंकिंग सुविधाओं से जुड़ सकेंगे।
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रोजगार के नए अवसर – ऑनलाइन काम करने वालों को नेटवर्क की समस्या नहीं होगी।
अब कब तक सुधरेगा नेटवर्क?
प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि जांच प्रक्रिया पूरी होते ही टावर लगाने का काम शुरू किया जाएगा। हालांकि, वन विभाग की मंजूरी इसमें अहम भूमिका निभाएगी। अगर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ महीनों में जिले के कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या दूर हो सकती है।
अब देखना यह होगा कि यह महत्वाकांक्षी योजना कितनी जल्दी धरातल पर उतरती है और ग्रामीणों को डिजिटल इंडिया से सही मायनों में जोड़ पाती है या नहीं।
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