Chaibasa Illegal Mining: प्रशासन की सख्ती से अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई, जब्त किए गए वाहन
पश्चिमी सिंहभूम में अवैध खनन और परिवहन पर प्रशासन का शिकंजा। उपायुक्त कुलदीप चौधरी के निर्देश पर छापेमारी, जब्त हुए बालू लदे वाहन। जानें पूरी खबर।
चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में अवैध खनन और बालू परिवहन के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने जिले के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाए। इसके तहत जिला, अनुमंडल, अंचल और थाना स्तर पर नियमित निगरानी अभियान चलाए जा रहे हैं।
अवैध खनन के खिलाफ छापेमारी अभियान
आज सुबह चक्रधरपुर और आनंदपुर अंचल क्षेत्रों में अवैध बालू उत्खनन और परिवहन के खिलाफ जांच अभियान चलाया गया। इस अभियान में अंचल अधिकारी और संबंधित पदाधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई की।
चक्रधरपुर के जुगीबेड़ा क्षेत्र में छापेमारी के दौरान उत्खनन कर परिवहन कर रहे एक वाहन से लगभग 100 सीएफटी बालू जब्त किया गया। वहीं, आनंदपुर क्षेत्र में जाओमित्रि और रंगोल्डा बालू घाटों का निरीक्षण किया गया, जहां अवैध रूप से बालू लदा हुआ एक ट्रैक्टर जब्त किया गया।
प्रशासन की कड़ी निगरानी
उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने स्पष्ट किया है कि जिले में अवैध खनन और परिवहन को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी खनन क्षेत्रों की नियमित निगरानी की जाए और किसी भी अवैध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
इतिहास: खनिज संपदा का केंद्र पश्चिमी सिंहभूम
पश्चिमी सिंहभूम, खनिज संपदा से समृद्ध क्षेत्र है। यहां लौह अयस्क, चूना पत्थर और अन्य खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। हालांकि, वर्षों से अवैध खनन इस क्षेत्र के लिए चुनौती बना हुआ है। अवैध खनन न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि पर्यावरण और स्थानीय जनजीवन पर भी इसका गंभीर असर पड़ता है।
अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन की इस सख्ती से संकेत मिलता है कि जिले की प्राकृतिक संपदा को बचाने और संगठित अपराध पर लगाम लगाने का प्रयास तेज हो चुका है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएं
इस कार्रवाई से स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की सराहना की है। उनका कहना है कि इस तरह के अभियान से अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी और प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यह समस्या तभी पूरी तरह से खत्म होगी, जब प्रशासन इन गतिविधियों में शामिल मुख्य सरगनाओं पर भी कार्रवाई करेगा।
अवैध खनन के प्रभाव
- पर्यावरणीय नुकसान: बालू और अन्य खनिजों के अवैध खनन से जल स्रोतों पर गंभीर असर पड़ता है।
- स्थानीय निवासियों का जीवन: नदी और बालू घाटों से जुड़ी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- राजस्व हानि: सरकार को मिलने वाला कर राजस्व भी इन गतिविधियों से प्रभावित होता है।
भविष्य की योजनाएं
प्रशासन अब जिले के सभी खनन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के लिए ड्रोन तकनीक और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। साथ ही, स्थानीय पंचायतों के सहयोग से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
पश्चिमी सिंहभूम में अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ उठाए गए ये कदम जिले में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। प्रशासन की सख्ती से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इस तरह की अवैध गतिविधियां कम होंगी और जिले के विकास को नई दिशा मिलेगी।
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