Odisha Attack: बोलांगीर में युवती पर हुआ अमानवीय हमला, इंसान का मल खिलाया

ओडिशा के बोलांगीर जिले में आदिवासी युवती पर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना। दबंग ने मारपीट के बाद उसे इंसान का मल खाने पर मजबूर किया। पुलिस ने केस दर्ज किया, आरोपी फरार।

Nov 21, 2024 - 11:17
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Odisha Attack: बोलांगीर में युवती पर हुआ अमानवीय हमला, इंसान का मल खिलाया
Odisha Attack: बोलांगीर में युवती पर हुआ अमानवीय हमला, इंसान का मल खिलाया

बोलांगीर, ओडिशा: ओडिशा के बोलांगीर जिले में 16 नवंबर को एक जघन्य अपराध हुआ जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। इस घटना में एक 20 वर्षीय आदिवासी महिला पर न केवल मारपीट की गई, बल्कि उसे मानव मल खाने पर भी मजबूर किया गया। यह दिल दहला देने वाली घटना जूराबंधा गांव में हुई, जो कि बंगामुंडा थानाक्षेत्र के तहत आता है। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया है।

कैसे हुआ यह अमानवीय हमला?

घटना के अनुसार, महिला अपने घर लौट रही थी जब गांव के अभय बाघ ने उस पर हमला किया। अभय बाघ ने पहले महिला की छाती पर वार किया, जिससे वह जमीन पर गिर पड़ी। इसके बाद जब महिला की माँ बचाने आईं, तो आरोपी ने उन पर भी हमला करने की कोशिश की। महिला के मुताबिक, बाघ ने न केवल उसे मारा, बल्कि उसके मुंह में इंसान का मल भी डाल दिया और उसे खाने के लिए मजबूर किया।

यह हमला उस समय हुआ जब महिला तालाब से नहाकर घर लौट रही थी। आरोप है कि बाघ ने उसे गालियाँ दी और जातिवादी टिप्पणियाँ की। यह केवल शारीरिक हमलावरता नहीं थी, बल्कि यह मानसिक यातना और जातिवाद की घिनौनी पराकाष्ठा थी।

आदिवासी संगठनों का विरोध और पुलिस की कार्रवाई

यह घटना आदिवासी संगठनों के लिए गहरा आघात बन चुकी है। घटना के बाद से आदिवासी समुदाय के लोग सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि ऐसी घटनाएं आदिवासी महिलाओं के खिलाफ संवेदनहीन और हिंसक व्यवहार को उजागर करती हैं।

पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी अभियान चला रही है। फिलहाल आरोपी अभय बाघ फरार है और पुलिस उसे पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस ने जांच के दौरान बताया कि यह घटना एक कृषि विवाद से जुड़ी थी। महिला ने आरोप लगाया था कि आरोपी उसका खेत से ट्रैक्टर ले जा रहा था, जिससे उसकी फसल को नुकसान हो रहा था।

इस घटना से जुड़ी गंभीर बातें

यह घटना जातिवाद, हिंसा, और मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला बन चुकी है। ओडिशा जैसे राज्य में जहां आदिवासी समुदाय एक बड़ा हिस्सा है, वहां इस तरह की घटनाएं आदिवासी अस्मिता और मानवाधिकारों के खिलाफ हैं। आदिवासी महिलाओं के खिलाफ होने वाली ऐसी घटनाएँ समाज में गहरे भेदभाव और असमानता को दिखाती हैं, जो आदिवासी समाज के अस्तित्व और सम्मान के लिए खतरे की घंटी हैं।

मूल कारण और समाज की स्थिति

यह घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत मामले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में गहरे जातिवादी भेदभाव और सामाजिक असमानता को दिखाती है। ओडिशा में आदिवासी महिलाएं पहले ही कई सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक समस्याओं का सामना कर रही हैं। इन महिलाओं को जाती और वर्ग आधारित भेदभाव का सामना करना पड़ता है, और ऐसे में इस तरह की घटनाएँ समानता और न्याय की दिशा में एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं।

क्या उम्मीदें हैं?

आदिवासी संगठनों का कहना है कि इस मामले में तेज़ और निष्पक्ष न्याय की प्रक्रिया शुरू की जाए। सरकार और पुलिस से यह उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द से जल्द आरोपी की गिरफ्तारी कर आदिवासी समाज को यह संदेश देंगे कि ऐसे अपराधों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस घटना से यह भी स्पष्ट हो जाता है कि आदिवासी क्षेत्रों में समानता और न्याय की दिशा में और भी काम करने की जरूरत है। आदिवासी महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है।

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