Bihar Road accident: आरा-छपरा फोरलेन पर फिर खूनी हादसा! क्या अज्ञात वाहन का राज खुलेगा या जारी रहेगा मौत का सिलसिला?
बिहार के आरा जिले में कोईलवर थाना क्षेत्र के मनभावन मोड़ पर मजदूरों से भरी पिकअप को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, 8 घायल। इतिहास से भरे इस फोरलेन के हादसों की कहानी और पुलिस जांच की डिटेल जानिए।
बिहार रोड एक्सीडेंट की खबरें तो रोजाना आती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आरा-छपरा फोरलेन पर ये हादसे क्यों बार-बार हो रहे हैं? कल्पना कीजिए, मजदूरी के लिए निकले आठ मजदूरों की पिकअप अचानक पलट जाती है, और सड़क पर चीख-पुकार मच जाती है। क्या ये सिर्फ एक हादसा है या बिहार की सड़क सुरक्षा की बड़ी नाकामी? आइए, इस बिहार रोड एक्सीडेंट की परतें खोलते हैं, जहां इतिहास की कड़ियां जुड़ती हैं और सवालों का सिलसिला थमता नहीं।
बिहार रोड एक्सीडेंट का इतिहास पुराना है। 1940 के दशक में ब्रिटिश काल से ही सड़कें बनीं, लेकिन आजादी के बाद बिहार में सड़क नेटवर्क बढ़ा तो हादसे भी। आरा-छपरा फोरलेन, जो 2010 के दशक में बना, विकास का प्रतीक था। लेकिन ये फोरलेन मौत की सड़क बन गया। 2024 में ही आरा-बक्सर फोरलेन पर एक एसयूवी दुर्घटना में 5 लोग मारे गए थे, जहां तेज रफ्तार से वाहन गार्डरेल से टकराया। आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में हर साल 10 हजार से ज्यादा रोड एक्सीडेंट होते हैं, और आरा-छपरा जैसे हाइवे पर ओवरलोडेड वाहनों से जाम लगना आम है। 2025 में मार्च में सरकार ने कोईलवर ब्रिज और आरा-छपरा ब्रिज पर हेवी वाहनों को रुकने पर बैन लगाया, लेकिन क्या ये काफी है? इतिहास बताता है कि ट्रैफिक पुलिस की कमी और तेज रफ्तार ने दर्जनों जानें ली हैं। क्या इस बार भी वही कहानी दोहराई जा रही है?
अब बात इस ताजा बिहार रोड एक्सीडेंट की। कोईलवर थाना क्षेत्र के मनभावन मोड़ पर, आरा-छपरा फोरलेन पर एक अज्ञात वाहन ने मजदूरों से भरी पिकअप को जोरदार टक्कर मारी। टक्कर इतनी भयानक थी कि पिकअप अनियंत्रित होकर सड़क किनारे की चार्ट में पलट गई। क्या वो अज्ञात वाहन ट्रक था या तेज स्पीड वाली कार? प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे के बाद अफरातफरी मच गई। स्थानीय लोग दौड़े, और घायलों को कोईलवर पीएचसी पहुंचाया। वहां से पांच को आरा सदर अस्पताल रेफर किया गया, जबकि तीन का इलाज जारी है। क्या ये मजदूर बच पाएंगे, या चोटें जानलेवा साबित होंगी?
घायलों की पहचान बबुरा थाना क्षेत्र से हुई है। रत्न महतो (30), सत्येंद्र पासवान (35), भुअर पासवान (28), सोनू पासवान (27), और भरत राम (40) जैसे नाम। ये सभी रोजगार की तलाश में बबुरा से कोईलवर जा रहे थे। सोचिए, सुबह घर से निकले मजदूर शाम को अस्पताल में! प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, "मोड़ पर पहुंचते ही सामने से आया वाहन टकराया, और पिकअप पलट गई।" क्या ड्राइवर नशे में था या ओवरटेकिंग की कोशिश? ये सवाल पुलिस जांच में उभर रहे हैं।
बिहार रोड एक्सीडेंट में आरा-छपरा फोरलेन की समस्या पुरानी है। स्थानीय ग्रामीण कहते हैं, "यहां तेज रफ्तार वाहन बिना रोक-टोक दौड़ते हैं। बालू लदे ट्रकों से जाम लगता है, और हादसे होते रहते हैं।" 2023-24 में फोरलेन पर कई जाम की खबरें आईं, जहां बालू गाड़ियां दोनों लेन ब्लॉक कर देतीं। सरकार ने 2025 में आरा में नया रिंग रोड बनाने की घोषणा की, लेकिन क्या ये देर से आया फैसला है? ट्रैफिक व्यवस्था की कमी से हादसे बढ़ रहे हैं। क्या पुलिस की सख्ती न होने से जानें जा रही हैं?
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अज्ञात वाहन की तलाश में सीसीटीवी और गवाहों से पूछताछ हो रही है। लेकिन सवाल ये है – क्या ड्राइवर पकड़ा जाएगा? या ये केस भी फाइलों में दब जाएगा? बिहार रोड एक्सीडेंट ने फिर सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े किए। क्या फोरलेन पर स्पीड लिमिट और चेकिंग बढ़ेगी? या मजदूरों की जानें यूं ही जाती रहेंगी?
ये बिहार रोड एक्सीडेंट सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि सिस्टम की चेतावनी है। इतिहास से सीखकर क्या सरकार कदम उठाएगी? आप क्या सोचते हैं – कमेंट में बताएं! अगर आपके इलाके में ऐसे हादसे होते हैं, तो शेयर करें। क्या तेज रफ्तार का ये कहर थमेगा, या और जानें जाएंगी? पुलिस जांच का इंतजार है, लेकिन सड़क पर सावधानी हमारी जिम्मेदारी है। बिहार रोड एक्सीडेंट की ये कहानी हमें जगाती है – सुरक्षित ड्राइविंग अपनाएं, जान बचाएं।
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