भिलाई में नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा को लगाए जाएंगे 9 दिन अलग-अलग भोग, सेवा पंडाल में भक्तों की हो रही विशेष सेवा!

भिलाई में नवरात्रि उत्सव के दौरान 9 दिन माता दुर्गा को अलग-अलग भोग लगाए जाएंगे। दुर्गा पंडाल में सेवा पंडाल से भक्तों को विभिन्न सुविधाएं मिलेंगी। जानें कैसे खुर्सीपार का यह उत्सव बना भक्तों के लिए विशेष आकर्षण।

Oct 5, 2024 - 21:24
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भिलाई में नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा को लगाए जाएंगे 9 दिन अलग-अलग भोग, सेवा पंडाल में भक्तों की हो रही विशेष सेवा!
भिलाई में नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा को लगाए जाएंगे 9 दिन अलग-अलग भोग, सेवा पंडाल में भक्तों की हो रही विशेष सेवा!

भिलाई, 5 अक्टूबर 2024: भिलाई के खुर्सीपार में इस बार का नवरात्रि उत्सव विशेष आकर्षण का केंद्र बन चुका है, जहां सार्वजनिक श्री दुर्गा उत्सव समिति द्वारा माता दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां न सिर्फ माता के प्रति आस्था का भाव है, बल्कि हर दिन माता को अलग-अलग भोग लगाने की परंपरा ने लोगों की श्रद्धा को और बढ़ा दिया है। भक्तों के लिए इस नौ दिवसीय उत्सव में हर दिन भिन्न-भिन्न प्रकार के भोग का आयोजन किया जाएगा। किसी दिन माता को सभी प्रकार के फलों का भोग लगेगा, तो किसी दिन अन्य पकवानों का भोग चढ़ाया जाएगा।

पूरे विधि-विधान से हो रही पूजा-अर्चना

समिति के अध्यक्ष और भिलाई निगम के उप नेता प्रतिपक्ष श्री दया सिंह ने बताया कि इस दुर्गा पंडाल में माता की स्थापना पूरे विधि-विधान से की गई है। पूजा-अर्चना के लिए वृंदावन से विशेष रूप से पंडित बुलाए गए हैं, जिन्होंने 3 अक्टूबर को नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना की। प्रतिदिन सुबह और शाम को यहां माता की महाआरती की जाएगी। 10 अक्टूबर को हवन-पूजन का आयोजन होगा और नवमी के दिन (11 अक्टूबर) कन्या पूजन एवं बटुक पूजन किया जाएगा, जबकि दशमी के दिन (12 अक्टूबर) माता की प्रतिमा का भव्य विसर्जन किया जाएगा।

सेवा पंडाल: भक्तों की सेवा के लिए खास इंतजाम

दया सिंह ने जानकारी दी कि माता के भक्तों की सेवा के लिए मेन रोड खुर्सीपार में एक विशेष सेवा पंडाल भी लगाया गया है। यह सेवा पंडाल उन भक्तों की सुविधा के लिए है जो डोंगरगढ़ माता बमलेश्वरी के दर्शन को पैदल यात्रा पर जाते हैं। भिलाई से राजनांदगांव तक का यह सेवा पंडाल इकलौता है जहां हर तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं।

भक्तों के लिए जलपान, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, गर्म पानी, मोबाइल चार्जिंग, और उपवास रखने वाले भक्तों के लिए फलाहार जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां भक्तों के आराम की भी विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे भक्त पूरी श्रद्धा के साथ माता के दर्शन करने के लिए सक्षम हो सकें।

“पंखिड़ा ओ पंखिड़ा” फेम गीतकार पंडित राजेश मिश्रा देंगे भजन प्रस्तुति

इस उत्सव की एक और खासियत है माता का दो दिन का भव्य जगराता। 7 अक्टूबर को पहले दिन जगराता का आयोजन होगा, जिसमें सीमा संदीप सिंह अपनी प्रस्तुति देंगी। वहीं, 9 अक्टूबर को विश्व प्रसिद्ध भजन गीतकार पंडित राजेश मिश्रा अपनी भक्ति-रस से सराबोर प्रस्तुति देंगे। पंडित राजेश मिश्रा के प्रसिद्ध भजन “पंखिड़ा ओ पंखिड़ा” ने लोगों के दिलों में एक विशेष जगह बनाई है, और उनकी उपस्थिति से भक्तों में भारी उत्साह देखा जा रहा है।

खुर्सीपार का दुर्गा उत्सव: भक्ति और सेवा का संगम

इस नवरात्रि, भिलाई के खुर्सीपार में आयोजित दुर्गा उत्सव न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भक्तों के लिए एक अनूठा अनुभव भी साबित हो रहा है। रोजाना माता को भिन्न-भिन्न भोग चढ़ाने की परंपरा और सेवा पंडाल में भक्तों की विशेष सेवा ने इस उत्सव को और भी खास बना दिया है।

सेवा पंडाल में हर उम्र के भक्तों के लिए सुविधाएं दी गई हैं, चाहे वे पैदल यात्रा करने वाले हों या फिर किसी अन्य प्रकार की सहायता की आवश्यकता रखने वाले। यहां जलपान से लेकर प्राथमिक चिकित्सा तक की सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि भक्त माता के दर्शन के लिए किसी भी प्रकार की दिक्कत महसूस न करें। इस आयोजन ने भिलाई के दुर्गा पूजा को एक नई ऊंचाई दी है, जिसमें भक्ति और सेवा दोनों का अद्भुत समागम देखने को मिल रहा है।

भक्तों में उत्साह चरम पर

भिलाई के इस दुर्गा उत्सव में भक्तों का उत्साह चरम पर है। माता दुर्गा के प्रति आस्था और भक्ति में लीन भक्त यहां आकर मां के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं। यहां का उत्सव भक्ति, सेवा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मेल है, जहां न सिर्फ माता की पूजा की जा रही है, बल्कि भक्तों के लिए सेवा भाव का भी अद्भुत वातावरण है।

अंतिम विचार: इस बार का खुर्सीपार दुर्गा उत्सव भिलाई के भक्तों के लिए एक विशेष अनुभव साबित हो रहा है। रोजाना माता को विभिन्न भोग लगाने और सेवा पंडाल की विशेष सुविधा ने इसे और भी खास बना दिया है। पंडित राजेश मिश्रा की प्रस्तुति और माता का जगराता इस उत्सव में एक नया रंग भर रहे हैं। भक्तों के लिए यह दुर्गा पूजा न सिर्फ आध्यात्मिक यात्रा है, बल्कि भक्ति और सेवा का अनूठा संगम भी है|

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।