कदमा का प्रतिष्ठित रंकिणी मंदिर दुर्गा पूजा: असत्य पर सत्य की जीत के साथ खुला श्रद्धालुओं के लिए, जानें इस बार क्या है खास

जमशेदपुर के कदमा स्थित श्री श्री रंकिणी मंदिर में दुर्गा पूजा का भव्य उद्घाटन हुआ। जानें इस बार के विशेष आयोजन, अतिथियों के संदेश, और कैसे यह मंदिर बना आस्था का केंद्र।

Oct 5, 2024 - 21:27
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कदमा का प्रतिष्ठित रंकिणी मंदिर दुर्गा पूजा: असत्य पर सत्य की जीत के साथ खुला श्रद्धालुओं के लिए, जानें इस बार क्या है खास
कदमा का प्रतिष्ठित रंकिणी मंदिर दुर्गा पूजा: असत्य पर सत्य की जीत के साथ खुला श्रद्धालुओं के लिए, जानें इस बार क्या है खास

जमशेदपुर, 5 अक्टूबर 2024: कदमा स्थित श्री श्री रंकिणी मंदिर में इस वर्ष दुर्गा पूजा का भव्य उद्घाटन किया गया। इस समारोह में समाजसेवी सह श्रीलेर्दस, बिष्टुपुर के पार्टनर श्री शेखर डे, श्री मिथिलेश कुमार तिवारी और श्री के के अरोड़ा ने संयुक्त रूप से पूजा पंडाल का उद्घाटन कर भक्तों के लिए इसे खोल दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री शेखर डे ने दुर्गा पूजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे असत्य पर सत्य और सामाजिक अत्याचार पर जीत का प्रतीक बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पूजा वर्तमान समय में एक सामाजिक संदेश भी देती है कि हम अपने जीवन में सत्य और नैतिकता का अनुसरण करें और समाज के हित में कार्य करें।

धार्मिक परंपरा और सामुदायिक उत्थान का संगम

रंकिणी मंदिर कदमा ही नहीं, बल्कि पूरे जमशेदपुर में एक प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां दुर्गा पूजा को बहुत विधि-विधान और भव्यता से मनाया जाता है। इस बार के उत्सव का उद्घाटन समारोह भक्तों के बीच एक विशेष आकर्षण का केंद्र बना। श्री मिथिलेश कुमार तिवारी और श्री दिवाकर सिंह ने इस अवसर पर कहा कि रंकिणी मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यधिक है, और हर वर्ष यहां आयोजित दुर्गा पूजा में विधि-विधान का खास ध्यान रखा जाता है। इस आयोजन ने कदमा और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आस्था से जोड़ने का काम किया है।

भव्य पूजा पंडाल और धार्मिक आयोजन

इस वर्ष रंकिणी मंदिर का दुर्गा पूजा पंडाल एक बार फिर से भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पंडाल को पारंपरिक रंगों और भव्य सजावट से सजाया गया है, जो इसे खास बनाता है। इस बार का आयोजन विशेष रूप से समाज के सभी वर्गों को जोड़ने और उनके बीच आपसी भाईचारे का संदेश देने के लिए किया गया है। कमिटि के अध्यक्ष श्री दिलीप दास ने बताया कि इस बार के आयोजन में विशेष तौर पर पंडाल में पारंपरिक सांस्कृतिक गतिविधियों और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सभी वर्गों के लोग उत्साह से भाग ले सकते हैं।

कमिटि के महासचिव जर्नादन पाण्डेय ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना पूरे विधि-विधान से की गई है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है ताकि वे बिना किसी परेशानी के पूजा-अर्चना कर सकें। दीपक विश्वास और के.जी. गोविन्द ने बताया कि इस बार के आयोजन में बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम और मनोरंजन की भी व्यवस्था की गई है, जिससे परिवार के सभी सदस्य यहां आकर आनंद का अनुभव कर सकें।

समाजसेवियों का संदेश: असत्य पर सत्य की जीत

मुख्य अतिथि श्री शेखर डे ने कहा कि दुर्गा पूजा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के बीच आपसी सद्भाव और भाईचारे को बढ़ाने का एक जरिया भी है। उन्होंने कहा कि हमें इस पूजा के संदेश को अपने जीवन में अपनाना चाहिए और असत्य पर सत्य की जीत को समाज के हर हिस्से में चरितार्थ करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक अत्याचार और असत्य को खत्म करने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा और इस पूजा का यह संदेश हर वर्ग तक पहुंचाना होगा।

समाज और धर्म का अद्भुत मेल

इस आयोजन में जहां समाजसेवियों ने अपने विचार व्यक्त किए, वहीं समिति के सदस्यों ने इसे सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की है। समिति के सदस्य एस. रमेश, सुभाष, कार्तिक और अन्य वरिष्ठ एवं कनिष्ठ सदस्यों ने इस पूजा के हर पहलू का ध्यान रखा ताकि आने वाले श्रद्धालु यहां आकर आध्यात्मिक अनुभव का आनंद उठा सकें। इस वर्ष का आयोजन विशेष तौर पर सामाजिक एकता और असत्य पर सत्य की जीत का संदेश देता है।

कमिटि ने इस बार के आयोजन में विभिन्न सामाजिक गतिविधियों को भी शामिल किया है, जैसे कि जरूरतमंदों के लिए खाद्य वितरण और बुजुर्गों के लिए विशेष सहायता। इस पहल से यह साबित होता है कि दुर्गा पूजा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि समाज के उत्थान और सेवा का एक जरिया भी है।

निष्कर्ष: भक्तों में अद्वितीय उत्साह

कदमा स्थित रंकिणी मंदिर का दुर्गा पूजा न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक उत्थान का भी प्रतीक है। समाज के सभी वर्गों के बीच एकता और भाईचारे का संदेश देने वाले इस आयोजन ने हर उम्र के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है। इस पूजा का भव्य आयोजन और समाजसेवियों के प्रेरणादायक संदेश ने इसे इस वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन बना दिया है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।