आरक्षण में क्रीमीलेयर वर्गीकरण के विरोध में भिलाई में भारत बंद सफल: विशाल रैली और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया
सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और जनजाति के क्रीमीलेयर वर्गीकरण के विरोध में भिलाई में भारत बंद सफल रहा। विशाल रैली निकाली गई और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया। व्यापारियों ने भी सहयोग किया।
भिलाई (छत्तीसगढ़): 21 अगस्त 2024 को अनुसूचित जाति और जनजाति के क्रीमीलेयर वर्गीकरण के विरोध में भिलाई-3, चरोदा और आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न आरक्षित वर्ग संगठनों द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया, जिसे पूरी तरह से सफल माना जा रहा है। बंद का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ आवाज उठाना था, जिसमें अनुसूचित जाति और जनजाति के अंतर्गत क्रीमीलेयर का वर्गीकरण किया गया है।
व्यापारी संगठनों का समर्थन
आरक्षित वर्ग के लोगों ने विशाल रैली निकालकर अपने विरोध को प्रकट किया। इस दौरान उन्होंने व्यापारिक प्रतिष्ठानों से निवेदन पूर्वक बंद में सहयोग करने का आग्रह किया, जिसे व्यापारियों ने सकारात्मक रूप से स्वीकार किया। इस समर्थन के लिए आरक्षित वर्ग संगठनों ने व्यापारियों का आभार जताया।
रैली में भाग लेने वाले संगठनों ने बताया कि इस बंद का उद्देश्य केंद्र सरकार और संबंधित संस्थाओं को यह संदेश देना था कि आरक्षण के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ आरक्षित वर्ग बर्दाश्त नहीं करेगा। यह स्पष्ट कर दिया गया कि भविष्य में अगर आरक्षण को कमजोर करने की कोई भी कोशिश की जाती है, तो समाज इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध करेगा।
महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया
रैली के अंत में, सिरसागेट चौक पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठे हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार जी के माध्यम से सौंपा गया, जिसमें आरक्षित वर्ग के हितों की रक्षा करने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि आरक्षण संविधान द्वारा प्रदत्त एक अधिकार है, और इसका किसी भी रूप में हनन समाज के लिए अस्वीकार्य होगा।
सर्व समाज की एकजुटता
इस आंदोलन में सर्व समाज की बड़ी एकजुटता देखने को मिली। सभी आरक्षित वर्गों ने एक स्वर में अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े होने का संकल्प लिया। भिलाई-3 और चरोदा के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की बंद की रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि यह विरोध केवल एक स्थान तक सीमित नहीं था, बल्कि राज्य और देशभर में इसका व्यापक असर देखा गया।
आयोजकों ने कहा कि अगर केंद्र सरकार इस मुद्दे पर संवेदनशील नहीं हुई, तो भविष्य में और भी बड़े विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
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