जिंदा हैं दिलों में आज भी... - राकेश गुप्ता, रूसिया  दुर्ग

दर्ज तारीख में 26 दिसंबर नाम जिनके  उम्र से कहीं ज्यादा  बड़े थे काम उनके  कुर्बान कर दी जान वतन की आन पर सरदार जोरा और फतेह सिंह  नाम उनके .....

Dec 25, 2024 - 17:07
Dec 25, 2024 - 17:03
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जिंदा हैं दिलों में आज भी... - राकेश गुप्ता, रूसिया  दुर्ग
जिंदा हैं दिलों में आज भी... - राकेश गुप्ता, रूसिया  दुर्ग

जिंदा हैं दिलों में आज भी...
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दर्ज तारीख में
26 दिसंबर नाम जिनके 
उम्र से कहीं ज्यादा 
बड़े थे काम उनके 
कुर्बान कर दी जान
वतन की आन पर
सरदार जोरा और फतेह सिंह 
नाम उनके 

साथी जल गये जिंदा
अश्क थमते नहीं 
सच की राह में बढ़ते कदम 
रुकते नहीं 
पगड़ी बांधी हो वाहे गुरु के
नाम जिसने 
सिर कट जाएंगे लेकिन 
कभी झुकते नहीं 

कच्ची उम्र थी 
दीवार में चुनती रही 
मुगलिया सल्तनत 
बेशर्मी से हंसती रही 
इतिहास ने देखी न थी 
ऐसी शहादत 
बहुत शर्मसार थी दीवार 
खुद रोती रही 

महज़ नौ की उमर थी 
दूसरे की पांच की 
धर्म बदला न पाई 
मौत भी जांबाज की
ज़ालिम मिट गये खुद और 
तख्त ओ ताज उनका
जिंदा हैं फतेह जोरा 
दिलों में आज भी... 

राकेश गुप्ता, रूसिया 
दुर्ग,  छत्तीसगढ़

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।