Delhi Celebrates: गुरु नानक जयंती पर संतगढ़ में धूमधाम से उत्सव
पश्चिम दिल्ली के तिलक विहार संतगढ़ में गुरु नानक जयंती के मौके पर बड़ी धूमधाम से उत्सव मनाया गया। जानिए कैसे यह पर्व सिख समुदाय के बीच उल्लास और सेवा का प्रतीक बना।
iपश्चिम दिल्ली के तिलक विहार स्थित संतगढ़ में 15 नवंबर 2024 को गुरु नानक जयंती (गुरु नानक गुरुपर्व) धूमधाम से मनाई गई। यह दिन सिख धर्म के संस्थापक, पहले गुरु नानक के जन्म का जश्न है, जिसे गुरु नानक प्रकाश उत्सव भी कहा जाता है। इस खास दिन को लेकर सिख समुदाय में जबर्दस्त उत्साह था और यह पर्व पूरे इलाके में बड़े धूमधाम से मनाया गया।
गुरु नानक जयंती: सिख धर्म का पवित्र उत्सव
गुरु नानक जयंती, जिसे सिख धर्म का सबसे पवित्र उत्सव माना जाता है, सिख समुदाय के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। गुरु नानक, जिनका जन्म 1469 में हुआ, न केवल सिख धर्म के संस्थापक थे, बल्कि उन्होंने समाज में समानता, भाईचारे और शांति का संदेश दिया। उनका जीवन और शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं। गुरु नानक जयंती के दिन सिख समुदाय के लोग अपने गुरु की शिक्षाओं को याद करते हुए प्रार्थना करते हैं और सेवा कार्यों में भाग लेते हैं।
धूमधाम से मने उत्सव की तस्वीरें
तिलक विहार के संतगढ़ में इस साल भी गुरु नानक जयंती के मौके पर जगह-जगह लंगर सेवा, ढोल बाजे, और सफाई अभियान के साथ उत्सव मनाया गया। पूरा क्षेत्र रंग-बिरंगे फूलों और पुष्पों से सजा हुआ था, जो उत्सव का माहौल और भी भव्य बना रहे थे। गुरु पर्व के इस आयोजन में स्थानीय लोग, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा था।
जगह-जगह लंगर (सिखों की सामुदायिक रसोई) का आयोजन किया गया, जिसमें हर कोई निःशुल्क भोजन ग्रहण कर रहा था। यह लंगर सेवा सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सेवा और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है।
आध्यात्मिकता और सेवा का संदेश
गुरु नानक जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह समाज में आत्मिक शांति और समानता का भी प्रतीक है। इस दिन सिख समुदाय के लोग एकजुट होकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाते हैं और अपने समाज के लिए सेवा करते हैं। गुरु नानक ने हमेशा दुनिया को यह संदेश दिया कि "तुम्हारा धर्म वह है जो तुम दूसरों के लिए करते हो," और गुरु नानक जयंती पर यही संदेश हर किसी के दिल में गूंज रहा था
गुरु नानक की शिक्षा आज भी प्रासंगिक
गुरु नानक के विचारों ने सिख धर्म को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी मजबूत किया। उनके जीवन के सिद्धांत आज भी सिख समुदाय के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। गुरु नानक की शिक्षाएं हमें बताती हैं कि हर इंसान समान है और हमें जाति, धर्म या रंग के भेदभाव से ऊपर उठकर समाज में शांति और भाईचारा स्थापित करना चाहिए।
गुरु नानक जयंती एक ऐसा दिन है, जो हमें हमारे धार्मिक और सामाजिक कर्तव्यों की याद दिलाता है। यह दिन सिर्फ सिख धर्म के अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हर साल यह पर्व और भी भव्य तरीके से मनाया जाता है, और इस बार भी पश्चिम दिल्ली के तिलक विहार में इस पर्व का उल्लास देखते ही बनता था।
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